दोस्तों मैं आप लोग बता दूं होली एक बहुत ही बड़ा रंगीन दिन होता है जो कि वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्व पूर्ण भारती और नेपाली लोगों का त्यौहार है यह ऑफर हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है होली का रंग तथा हांसी ख़ुशी का त्यौहार है यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्यौहार है जो आज विश्व भर में मनाया जाने लगा है

दोस्तों 2025 के होलिका दहन 13 मार्च 2025 को किया जाएगा वहीं रंग वाली होली का त्योहार 14 मार्च 2025 को मनाया जाएगा साल 2024 में रंग वाली होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा वहीं होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा पंचांग के अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च 24 की सुबह 10:35 से 14 मार्च की दोपहर 12:00 तक रहेगी अलग साल की पूर्णिमा तिथि और लगे दिन दोपहर तक होने के कारण अंतर की स्थिति रहेगी लेकिन होलिका दहन का समय निश्चित है
होलिका दहन का मुहूर्त और भद्रा का टाइम
होलिका दहन मुहूर्त 13 मार्च 2025 को 11:30 14 सेकंड से 12:24 9 सेकंड तक
अवधि 0 घंटे से 53 मिनट तक
भद्र पूछा 7:13 और 7 सेकंड से 8:30 15 सेकंड तक
भद्र मुख 8:30 से 10:38 28 सेकंड तक

फाल्गुन की पूर्णिमा को होली का त्यौहार मनाया जाता है फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भद्रा रहित मुहूर्त में होली का दहन होता है साल 2025 में भी होलिका दहन रात 10:30 के बाद ही किया जाएगा क्योंकि इस दिन भद्रा रहेगी इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है जिसे धूलाईदी दुल्हाड़ी और धौली आदि नाम से भी जाना जाता है होली का त्यौहार भक्त पहलाद से जुड़ा है
होलिका दहन की रात तंत्र पूजा
होलिका दहन की रातकालरात्रि दीपावली की रात्रि को नवरात्रि और शिवरात्रि की रात को महरात्रि कहा जाता है 9 तीनों रात्रि में यंत्र निर्माण तंत्र साधन और मित्रों का जाप करना सिद्धि दायक है होलिका दहन की रात को भुतासनी रात्रि भी कहा जाता है
होली त्यौहार का इंतजार हमेशा इंडिया और नेपाल के लोगों को रहता है क्योंकि इसमें सभी को खुशी भरी प्यार दुलार मिलता है और रंगों से इस त्यौहार को मनाया जाता है सभी लोग सभी को एक दूसरे को रंग लगाते हैं और नाचते गाते हैं जिसको लेकर के शुरू से लेकर अभी तक यह परंपरा चलते आ रहा है और आगे भी चलते ए रहेगा
