आ गया देश का बजट कितने पैसे पर कितना टैक्स देना होगा आइए जानते है

बजट” (Budget) का हिंदी में अर्थ है किसी निश्चित अवधि में किसी संगठन, सरकार, या व्यक्ति द्वारा निर्धारित आय और व्यय का अनुमान। यह वित्तीय योजना होती है, जिसमें तय किया जाता है कि आय से कितने पैसे खर्च किए जाएंगे और किस तरह से खर्च किए जाएंगे।

बजट के प्रकार:

  1. व्यक्तिगत बजट:
    यह एक व्यक्ति या परिवार की आय और खर्चों का हिसाब होता है, जिसमें बचत और निवेश के लिए भी योजना बनाई जाती है।
  2. संगठनात्मक बजट:
    कंपनियां या संगठन अपने संचालन के लिए एक बजट बनाते हैं, जिसमें वे निर्धारित करते हैं कि विभिन्न विभागों को कितना धन आवंटित किया जाएगा।
  3. सरकारी बजट:
    यह सरकार की वित्तीय योजना होती है, जिसमें वह निर्धारित करती है कि राष्ट्रीय आय में से कितना धन विभिन्न विभागों (स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि) को आवंटित किया जाएगा।

बजट बनाने के मुख्य उद्देश्य:

  1. वित्तीय प्रबंधन:
    बजट से आय और खर्चों का प्रबंधन किया जाता है, जिससे धन का सही उपयोग हो सके।
  2. नियंत्रण और निगरानी:
    बजट के जरिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी भी क्षेत्र में अधिक खर्च न हो और वित्तीय उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।
  3. लक्ष्य निर्धारण:
    बजट का उपयोग किसी विशेष लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किया जाता है, जैसे कि निवेश, बचत, और विभिन्न परियोजनाओं के लिए धन की व्यवस्था।

बजट के मुख्य घटक:

  1. आय (Income):
    यह वह धन है जो किसी व्यक्ति या संगठन को किसी स्रोत से प्राप्त होता है, जैसे सैलरी, व्यवसाय से लाभ, कर आदि।
  2. व्यय (Expenditure):
    यह वह धन है जो खर्च किया जाता है, जैसे घर का खर्च, शिक्षा, स्वास्थ्य, यात्रा आदि।
  3. बचत (Savings):
    यह वह धन है जिसे खर्च करने के बजाय भविष्य के लिए सुरक्षित किया जाता है।
  4. वित्तीय उद्देश्यों का निर्धारण:
    बजट में यह तय किया जाता है कि आने वाले समय में कौन से वित्तीय लक्ष्य हासिल किए जाएंगे, जैसे घर खरीदना, कार खरीदना, या बच्चों की शिक्षा के लिए धन जमा करना।

भारत का बजट 2025-26 भारत सरकार द्वारा 1 फरवरी, 2025 को प्रस्तुत किया गया है। इस बजट में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनसे आम आदमी की जिंदगी पर असर पड़ने वाला है। टैक्स और आयकर स्लैब्स में बदलाव के साथ-साथ कई अन्य योजनाओं का ऐलान किया गया है। आइए जानते हैं भारत के बजट में टैक्स और अन्य खर्चों के बारे में:

1. आयकर स्लैब (Income Tax Slabs):

आयकर स्लैब में कुछ प्रमुख बदलाव किए गए हैं। खासतौर पर, टैक्सपेयर्स के लिए राहत देने के लिए निम्नलिखित स्लैब तय किए गए हैं:

नई टैक्स स्लैब (2025-26):

  • 5 लाख तक की आय – कोई टैक्स नहीं (0%)
  • 5 लाख से 10 लाख तक की आय – 10%
  • 10 लाख से 20 लाख तक की आय – 20%
  • 20 लाख से ऊपर की आय – 30%

यह नया टैक्स स्लैब उन लोगों के लिए है जो नई टैक्स प्रणाली (New Tax Regime) का पालन करते हैं।

पुरानी टैक्स प्रणाली (Old Tax Regime):

पुरानी प्रणाली में छूट और डिडक्शन्स का लाभ मिलता है जैसे HRA, 80C, 80D, आदि। यदि आप पुरानी टैक्स व्यवस्था अपनाते हैं, तो आयकर स्लैब निम्नलिखित हैं:

  • 2.5 लाख तक की आय – कोई टैक्स नहीं
  • 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय – 5%
  • 5 लाख से 10 लाख तक की आय – 20%
  • 10 लाख से ऊपर की आय – 30%

2. Corporate Tax (कंपनी टैक्स):

बड़ी कंपनियों के लिए टैक्स दर को 25% रखा गया है। साथ ही, MSME सेक्टर (माइक्रो, स्मॉल, और मीडियम एंटरप्राइजेज) को कुछ राहत दी गई है।

3. GST (वस्तु एवं सेवा कर):

GST की दरों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन कुछ नए वस्त्रों और सेवाओं पर टैक्स की दर में संशोधन किया गया है।

4. कृषि क्षेत्र और किसान योजना:

  • किसानों को सहायता देने के लिए, कृषि ऋण को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है।
  • किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को बढ़ी हुई राशि दी जाएगी।

5. डिजिटल ट्रांजैक्शन और इन्वेस्टमेंट:

  • डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए UPI और नेटबैंकिंग के माध्यम से ट्रांजैक्शन पर कुछ टैक्स राहत दी गई है।
  • म्यूचुअल फंड्स और इक्विटी निवेश पर टैक्स रेट को भी 5% तक कम किया गया है।

6. पेट्रोल और डीजल पर टैक्स:

  • पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया, लेकिन तेल उत्पादों पर अलग से सेस और टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया गया है।

7. महिला और बालकल्याण:

महिलाओं के लिए कुछ विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनके तहत महिलाओं को सरकारी योजनाओं से लाभ पहुंचाने के लिए विशेष टैक्स छूट दी जाएगी।

8. शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च:

  • शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बढ़ी हुई राशि आवंटित की गई है।
  • स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में राहत दी गई है और मेडिकल खर्चों पर कुछ छूट देने की घोषणा की गई है

कृषि क्षेत्र और किसान योजना – 2025-26 का बजट:

भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र और किसान कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं और सहायता की घोषणाएं की हैं, जो किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने, उनकी आय को बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई हैं। आइए जानते हैं कि इस बजट में किसानों के लिए कौन सी महत्वपूर्ण योजनाएं और कदम उठाए गए हैं:


1. कृषि ऋण योजना (Agriculture Credit Scheme):

  • कृषि क्षेत्र के लिए बढ़ा हुआ ऋण:
    सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए ऋण का लक्ष्य बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है, जिससे किसानों को सस्ते ऋण मिल सकें और वे अपनी कृषि को बेहतर तरीके से चला सकें।
    • कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
    • कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए कृषि ऋण में मूल्य आधारित मदद और सस्ती ब्याज दरें सुनिश्चित की जाएंगी।

2. किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana):

  • किसानों के लिए वित्तीय सहायता:
    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) के तहत प्रत्येक पात्र किसान को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की सहायता राशि दी जाती है। इस बजट में इस योजना को और मजबूती देने की बात की गई है।
    • PM Kisan योजना में राशि बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है, ताकि किसानों को और अधिक आर्थिक सहायता मिल सके।

3. कृषि उत्पादन में वृद्धि (Increase in Agricultural Production):

  • उन्नत बीजों और कृषि तकनीकी का प्रचार:
    कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार उन्नत बीजों, स्मार्ट कृषि उपकरणों, और नवीन कृषि तकनीकी का प्रचार करेगी। इन उपायों से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में वृद्धि होगी।
    • किसानों को स्मार्ट कृषि उपकरणों और सौर ऊर्जा आधारित समाधान दिए जाएंगे ताकि कृषि कार्यों में ऊर्जा की बचत हो और उत्पादन बढ़े।

4. सूखा राहत और जलवायु परिवर्तन पर ध्यान:

  • सूखा राहत पैकेज:
    सरकार ने जलवायु परिवर्तन और सूखा राहत पर विशेष ध्यान देने की घोषणा की है।
    • जल संरक्षण तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा और किसानों को सिंचाई के बेहतर तरीके प्रदान किए जाएंगे।
    • किसानों को सूखा प्रबंधन और जलवायु अनुकूल कृषि के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी।

5. कृषि क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन (Digital Transformation in Agriculture):

  • डिजिटल कृषि बाजार और सेवाएं:
    सरकार ने डिजिटल कृषि बाजार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। किसान अब ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर अपनी फसल को बेच सकते हैं, जिससे उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त हो सके।
    • eNAM (National Agriculture Market) और डिजिटल सेवाओं का विस्तार किया जाएगा, ताकि किसानों को कृषि उपज का सही मूल्य मिल सके।

6. कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (Agriculture Infrastructure Fund):

  • कृषि बुनियादी ढांचा बढ़ाना:
    सरकार ने कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। इस फंड से किसानों को संगठित विपणन, कोल्ड स्टोरेज, और ग्रेडिंग व पैकिंग केंद्र स्थापित करने में मदद मिलेगी।
    • इस फंड से किसानों को बेहतर भंडारण सुविधाएं और पैकेजिंग सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी फसल का मूल्य बढ़ेगा और नुकसान कम होगा।

7. जैविक कृषि को बढ़ावा (Promotion of Organic Farming):

  • जैविक खेती की ओर कदम:
    सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई हैं।
    • किसानों को जैविक खाद और पारंपरिक कृषि पद्धतियों की ओर रुझान बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
    • प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रशिक्षण और सब्सिडी की योजना बनाई जाएगी।

8. महिला किसानों के लिए विशेष योजनाएं (Special Schemes for Women Farmers):

  • महिला किसानों के लिए वित्तीय मदद:
    सरकार ने महिला किसानों को वित्तीय सहायता और विशेष ऋण योजनाओं का लाभ देने की घोषणा की है।
    • महिला किसानों को कृषि संबंधित उपकरण और ट्रैक्टर पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

9. मछली पालन और पशुपालन (Fisheries and Animal Husbandry):

  • मछली पालन और पशुपालन में वृद्धि:
    सरकार ने मछली पालन और पशुपालन के लिए विकास योजनाएं तैयार की हैं।
    • मछली पालन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट्स और फार्मिंग टेक्नोलॉजी का विकास किया जाएगा।

डिजिटल ट्रांजैक्शन और इन्वेस्टमेंट – 2025-26 का बजट:

भारत सरकार ने 2025-26 के बजट में डिजिटल ट्रांजैक्शन और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन कदमों का उद्देश्य देश में वित्तीय समावेशन, आर्थिक पारदर्शिता, और सशक्त निवेश विकल्पों को बढ़ावा देना है। आइए जानते हैं इस बजट में डिजिटल ट्रांजैक्शन और इन्वेस्टमेंट के बारे में की गई घोषणाओं के बारे में:


1. डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा:

भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। इसके माध्यम से सरकार की कोशिश है कि कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा मिले और आर्थिक पारदर्शिता बढ़े।

मुख्य कदम:

  1. UPI (Unified Payments Interface) का विस्तार:
    • भारत सरकार ने UPI के नेटवर्क को और भी मजबूत करने का प्रस्ताव किया है। UPI को और ज्यादा डिजिटल सेवाओं के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे डिजिटल पेमेंट्स और भी सुगम हो जाएंगे।
    • UPI भुगतान प्रणाली को छोटे और मझेले व्यापारियों (MSMEs) के लिए और अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाया जाएगा।
  2. कैशलेस भुगतान को बढ़ावा:
    • सरकार ने कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल वॉलेट्स, QR कोड और मोबाइल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
    • पेटीएम, फोनपे, और गूगल पे जैसे एप्लिकेशनों के माध्यम से लेन-देन को अधिक सुगम और सुलभ बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
  3. पब्लिक ट्रांजैक्शन प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ावा:
    • सरकारी विभागों और संगठनों से जुड़े वित्तीय लेन-देन को ऑनलाइन और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर लाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
    • राशन कार्ड, बिजली बिल, जल सेवा बिल, आदि की भुगतान प्रणाली को पूरी तरह से डिजिटल किया जाएगा।
  4. नेटबैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग को बढ़ावा:
    • सरकारी और निजी बैंकों में नेटबैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सुविधाओं को बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इससे ग्राहकों को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और सुरक्षित लेन-देन की सुविधा मिलेगी।

2. इन्वेस्टमेंट (Investment) को बढ़ावा:

भारत सरकार ने इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि निवेशकों को आकर्षित किया जा सके और आर्थिक विकास को गति मिले।

मुख्य कदम:

  1. ग्रोथ सेक्टर में निवेश:
    • सरकार ने विकसित और उभरते उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कर प्रोत्साहन की योजनाओं का ऐलान किया है। इन सेक्टरों में टेक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, नवीकरणीय ऊर्जा, और हेल्थकेयर शामिल हैं।
  2. फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI):
    • सरकार ने FDI (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) को और बढ़ावा देने के लिए लचीले नियामक ढांचे की घोषणा की है। इससे विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित किया जाएगा।
    • खासकर मैन्युफैक्चरिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, और तकनीकी विकास के क्षेत्रों में विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।
  3. लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG):
    • लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर टैक्स को अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने छूट देने का ऐलान किया है।
    • इसमें शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड्स, और अन्य लंबी अवधि के निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा।
  4. म्यूचुअल फंड्स और बॉन्ड मार्केट:
    • सरकार ने म्यूचुअल फंड्स और बॉन्ड मार्केट को बढ़ावा देने के लिए कर लाभ और सुरक्षित निवेश विकल्प प्रदान करने का प्रस्ताव रखा है।
    • शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए कम जोखिम वाले निवेश विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
  5. स्टार्टअप्स और इनोवेशन के लिए निवेश:
    • सरकार ने स्टार्टअप्स और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए किफायती वित्तपोषण और कर छूट की योजनाएं बनाई हैं।
    • इन योजनाओं का उद्देश्य नवीनतम तकनीकों और नई सोच को व्यापार में बदलने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है।
  6. रियल एस्टेट में निवेश:
    • सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कर छूट और नई परियोजनाओं के लिए सब्सिडी देने का ऐलान किया है।
    • घर खरीदने वालों के लिए कर राहत और सस्ते आवास विकल्प प्रदान किए जाएंगे।

पेट्रोल और डीजल पर टैक्स – 2025-26 का बजट:

भारत सरकार ने 2025-26 के बजट में पेट्रोल और डीजल पर टैक्स से संबंधित कई घोषणाएं की हैं। इन घोषणाओं का उद्देश्य ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करना और वित्तीय संसाधनों को बेहतर तरीके से आवंटित करना है। आइए जानते हैं पेट्रोल और डीजल पर किए गए टैक्स के बदलावों के बारे में:


1. पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Excise Duty):

  • केंद्रीय उत्पाद शुल्क पेट्रोल और डीजल पर एक महत्वपूर्ण टैक्स है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। इस बजट में पेट्रोल और डीजल पर अलग-अलग उत्पाद शुल्क का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें नया सेस (Cess) लागू किया गया है।
    • पेट्रोल और डीजल पर अतरिक्त सेस लगाए जाने का ऐलान किया गया है, जिससे सरकार को राजस्व प्राप्त होगा, जिसका उपयोग अन्य विकास कार्यों में किया जाएगा।
    • इसका उद्देश्य ईंधन के आयात को कम करना और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है।

2. मूल्य वृद्धि और राहत (Price Increase and Relief):

  • ईंधन मूल्य वृद्धि:
    पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हल्की वृद्धि हो सकती है, क्योंकि सेस और टैक्स बढ़ाए गए हैं। इसके कारण, ग्राहकों को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सामना हो सकता है।
    • हालांकि, सरकार ने आम आदमी पर असर कम करने के लिए कुछ राहत पैकेज और अन्य सब्सिडी देने की योजना बनाई है।
  • लक्ष्य:
    इस कदम का उद्देश्य केंद्र सरकार की राजस्व स्थिति को मजबूत करना है, ताकि सरकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध हो सके। इससे सरकार को अपनी सामाजिक योजनाओं (जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, और ग्रामीण विकास) के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी।

3. राज्यों के लिए टैक्स (State-Level Taxation):

  • राज्य सरकारों का योगदान:
    पेट्रोल और डीजल पर टैक्स की संरचना में राज्य सरकारों का भी योगदान होता है। प्रत्येक राज्य अपनी मूल्यवर्धित कर (VAT) दरें तय करता है, जो पेट्रोल और डीजल की कीमतों को प्रभावित करती हैं।
    • कुछ राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क के बावजूद अधिक होती हैं, क्योंकि राज्य सरकारें भी अपना VAT और सेस लगाती हैं।
  • राज्य और केंद्र के बीच सहयोग:
    सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संतुलन बनाए रखने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के बीच सहयोग बढ़ाने की योजना बनाई है।
    • इससे राज्यों में ईंधन कीमतों में असमानता को कम करने में मदद मिलेगी और एकरूपता बनेगी।

4. नवीकरणीय ऊर्जा और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करना (Promotion of Renewable Energy and Reducing Dependency on Petrol and Diesel):

  • विकल्प के रूप में नवीकरणीय ऊर्जा:
    पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव किया है।
    • इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और सौर ऊर्जा जैसे विकल्पों को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता कम होगी।
    • बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए सरकार ने योजनाएं बनाई हैं।

5. भविष्य में बढ़ोतरी की संभावना (Future Price Hike Potential):

  • वैश्विक तेल कीमतों का असर:
    पेट्रोल और डीजल की कीमतें वैश्विक तेल बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण प्रभावित होती हैं। यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है।
    • इस प्रकार के बदलावों से स्थिरता लाने के लिए सरकार ने आंतरिक संसाधन बढ़ाने के लिए टैक्स नीति में सुधार किया है।

निष्कर्ष:

2025-26 के बजट में पेट्रोल और डीजल पर टैक्स को संतुलित और स्थिर रखने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अवधि विशेष वृद्धि का प्रस्ताव रखा है, जबकि साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा के विकल्पों को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही, केंद्रीय उत्पाद शुल्क में बदलाव से सरकार को राजस्व में वृद्धि हो सकती है, जो अन्य सरकारी योजनाओं के लिए उपयोगी होगा।

महिला और बाल कल्याण – 2025-26 का बजट:

2025-26 के बजट में महिला और बाल कल्याण के लिए कई अहम योजनाओं और नीतियों का ऐलान किया गया है। इस बजट का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को बढ़ावा देना, उनके जीवन स्तर को सुधारना और उन्हें सशक्त बनाना है। आइए जानते हैं इस बजट में महिला और बाल कल्याण के क्षेत्र में की गई घोषणाओं के बारे में:


1. महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment):

  1. महिला उद्यमिता को बढ़ावा:
    • सरकार ने महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए किफायती वित्तीय सहायता और व्यवसायिक प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव किया है।
    • महिला कारोबारियों के लिए नवीनतम तकनीकों और बाजार पहुंच पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे वे अपने छोटे व्यवसायों को बड़े स्तर पर स्थापित कर सकें।
  2. महिला आरक्षण (Women Reservation):
    • सरकार ने महिलाओं के लिए आरक्षण और उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकारी नौकरियों में और पार्षदों और विधायकों के पदों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के उपायों की घोषणा की।
    • महिला कर्मचारियों के लिए नौकरी सुरक्षा और वेतन समानता पर जोर दिया जाएगा।
  3. महिला स्वास्थ्य:
    • महिला स्वास्थ्य के लिए विशेष योजनाओं के तहत, सरकार ने स्त्री रोगों की रोकथाम, मातृत्व स्वास्थ्य, और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बनाने की योजना बनाई है।
    • स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं में महिलाओं के लिए मुफ्त और बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएंगी, विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में
  4. महिला सुरक्षा:
    • महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षित परिवहन और रात्रि सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
    • महिला हेल्पलाइन और सुरक्षा ऐप्स के द्वारा महिलाओं के लिए मदद और सहायता को और प्रभावी किया जाएगा।

2. बाल कल्याण (Child Welfare):

  1. बाल शिक्षा:
    • सरकार ने बालकों के लिए मुफ्त शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है, ताकि समाज के सबसे कमजोर वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
    • विद्यालयों में सुविधाएं बढ़ाने और शिक्षक प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  2. बालकों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं:
    • बाल स्वास्थ्य योजनाओं में बच्चों के लिए विशेष टीकाकरण कार्यक्रम, पोषण योजनाएं, और बाल चिकित्सा सेवाएं शामिल की जाएंगी।
    • बच्चों में मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स और निरोगी जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
  3. बाल श्रम उन्मूलन और संरक्षण:
    • सरकार ने बाल श्रम के खिलाफ सख्त कदम उठाने की घोषणा की है और इसके लिए कठोर नियम लागू किए जाएंगे।
    • बच्चों के उचित विकास के लिए सरकार ने शरणार्थी बच्चों, कुपोषित बच्चों, और विधवाओं के बच्चों के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं, ताकि उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान दिया जा सके।
  4. बालक आश्रय गृह और पुनर्वास केंद्र:
    • सरकार ने बालक आश्रय गृहों और पुनर्वास केंद्रों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, ताकि सड़क पर रहने वाले या अपराधिक तत्वों के प्रभाव में आने वाले बच्चों को सुरक्षित वातावरण मिल सके।

3. महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष योजनाएं:

  1. महिला और बाल कल्याण मंत्रालय की योजनाएं:
    • महिला और बाल कल्याण मंत्रालय के तहत महिला कल्याण योजना, बाल कल्याण योजना और पोषण योजना को अधिक प्रभावी और व्यापक बनाने के लिए बजट बढ़ाने का प्रस्ताव है।
    • विशेष रूप से किशोरियों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  2. आर्थिक सहायता और सब्सिडी:
    • महिला और बाल कल्याण योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक सहायता, स्वास्थ्य देखभाल, और शिक्षा के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
    • विशेष रूप से कुपोषित बच्चों और मूलभूत सेवाओं से वंचित महिलाओं के लिए अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।

4. सशक्तिकरण के लिए डिजिटल उपाय (Digital Initiatives for Empowerment):

  1. महिला और बाल कल्याण ऐप्स:
    • सरकार ने महिला और बाल कल्याण ऐप्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की शुरुआत की है, जिससे महिलाएं और बच्चे अपने अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें और अपनी समस्याओं का समाधान पा सकें।
  2. डिजिटल साक्षरता:
    महिलाओं और बच्चों के लिए डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

5. बालिका शिक्षा पर ध्यान:

  1. निःशुल्क शिक्षा और छात्रवृत्तियां:
    • बालिकाओं के लिए निःशुल्क शिक्षा, छात्रवृत्तियां, और कोचिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें।
    • बालिका शिक्षा योजना को और मजबूती दी जाएगी, जिससे बालिकाओं को शिक्षा के अधिकार प्राप्त हो सकें और उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में मदद मिले।

निष्कर्ष:

2025-26 के बजट में महिला और बाल कल्याण के क्षेत्र में कई अहम कदम उठाए गए हैं, जो महिलाओं और बच्चों की सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी स्थिति को सुधारने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कई योजनाओं को लागू किया जाएगा, जिससे महिलाओं और बच्चों के जीवन स्तर में सुधार होगा और वे सशक्त बन सकेंगे।

शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च – 2025-26 का बजट:

2025-26 के बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने इन दोनों क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है, ताकि आम नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें। इन क्षेत्रों में खर्च बढ़ाने का उद्देश्य समाज के विकास को बढ़ावा देना और स्वस्थ और शिक्षित जनसंख्या तैयार करना है। आइए जानते हैं शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च के बारे में:


1. शिक्षा पर खर्च:

1.1 शिक्षा के बजट में बढ़ोतरी:

  • 2025-26 के बजट में शिक्षा के लिए आवंटित राशि में महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है। इस बार का बजट शिक्षा के विकास के लिए अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर निर्धारित किया गया है।
  • सरकार ने मूलभूत शिक्षा (प्राथमिक और माध्यमिक) और उच्च शिक्षा दोनों के लिए विशेष योजना बनाई है।

1.2 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा:

  • स्कूलों और विश्वविद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और शिक्षण गुणवत्ता को सुधारने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
  • ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और ई-लर्निंग सिस्टम्स को बढ़ावा दिया जाएगा।

1.3 छात्रवृत्तियां और वित्तीय सहायता:

  • छात्रवृत्तियां और आर्थिक सहायता योजनाओं को बढ़ाया जाएगा, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को बेहतर शिक्षा प्राप्त हो सके।
  • विशेष शिक्षा योजनाएं (जैसे दिव्यांग छात्रों के लिए) को अधिक प्रभावी और व्यापक बनाया जाएगा।

1.4 समग्र शिक्षा और कौशल विकास:

  • समग्र शिक्षा योजनाओं के तहत ग्रामीण इलाकों और दूरी क्षेत्रों में छात्रों को शिक्षा के अवसर दिए जाएंगे।
  • कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा के लिए नए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे, ताकि छात्रों को रोजगार के अवसर मिल सकें।

1.5 राज्य और केंद्र सहयोग:

  • राज्य सरकारों के साथ शिक्षा में सुधार के लिए सहयोग बढ़ाया जाएगा। राज्य सरकारों को शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी।

2. स्वास्थ्य पर खर्च:

2.1 स्वास्थ्य बजट में वृद्धि:

  • 2025-26 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटित राशि में भारी वृद्धि की गई है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल को सुनिश्चित करना है।
  • सरकार ने स्वास्थ्य सुधार और रोग नियंत्रण के लिए वित्तीय संसाधनों का समुचित प्रबंधन किया है।

2.2 स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार:

  • प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (Primary Health Care) के लिए खर्च बढ़ाया गया है, ताकि ग्रामीण इलाकों और दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर तरीके से पहुंच सकें।
  • स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिसमें नए अस्पताल, स्वास्थ्य कक्ष, और चिकित्सकीय उपकरण शामिल होंगे।

2.3 अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों की सुदृढ़ीकरण:

  • क्लिनिकल और नर्सिंग सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में सुधार किया जाएगा।
  • विशेषज्ञ डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को दूर करने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी, ताकि लोगों को प्रत्येक स्थान पर बेहतर इलाज मिल सके।

2.4 सार्वभौमिक स्वास्थ्य योजना (Universal Health Coverage):

  • सरकार ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य योजना (UHC) के तहत निःशुल्क उपचार और वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव किया है, खासकर गरीब वर्ग और मध्यम वर्ग के लिए।
  • आयुष्मान भारत योजना को और बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे अधिक लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी।

2.5 मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक कल्याण:

  • मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए नई योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया है।
  • मनोवैज्ञानिक सेवाएं और मनोविकृति (Psychiatric services) को राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में जोड़ा जाएगा।

2.6 टीकाकरण और महामारी नियंत्रण:

  • टीकाकरण कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि रोगों की रोकथाम के लिए बच्चों और वयस्कों को टीके उपलब्ध हो सकें।
  • महामारी नियंत्रण और रोग निगरानी के लिए सरकार ने स्वास्थ्य बजट में वृद्धि की है।

2.7 महिला और बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान:

  • महिला और बाल स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से योजना बनाई गई है, जिसमें मातृत्व स्वास्थ्य, पोषण, और बालक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • मातृत्व और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।

Laddu Kumar

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