22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें 26 लोगों की जान गई और 17 अन्य घायल हो गए। यह हमला भारत में 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे घातक नागरिक हमला माना जा रहा है।
हमले का विवरण
यह हमला पहलगाम के बाइसारन घाटी में हुआ, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अमरनाथ यात्रा के लिए प्रसिद्ध है। चार सशस्त्र आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए। पीड़ितों में हरियाणा के नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नारवाल भी शामिल थे, जो अपने हनीमून पर थे।
जिम्मेदारी और संदिग्ध
इस हमले की जिम्मेदारी “कश्मीर रेजिस्टेंस” नामक एक कम ज्ञात आतंकवादी संगठन ने ली है। उन्होंने दावा किया कि पीड़ित भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े थे। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि इस हमले के पीछे सैफुल्लाह खालिद नामक व्यक्ति का हाथ है, जो पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।
सरकारी प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय निंदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा को बीच में ही छोड़कर भारत लौटकर उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठकें कीं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले का कड़ा जवाब देने की बात कही है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर इस हमले की निंदा की और भारत के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
स्थानीय प्रतिक्रिया
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पर्यटकों की भारी संख्या में वापसी हो रही है, और क्षेत्र में बंद का आह्वान किया गया है। स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है, और कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
मानवीय पहलू
हमले के दौरान कई पर्यटकों ने भयावह अनुभव साझा किए हैं। असम की एक महिला पर्यटक ने बताया कि आतंकवादियों ने उन्हें धर्म पूछकर कलमा पढ़ने को कहा, और फिर गोली चला दी।
यह हमला कश्मीर में हालिया वर्षों में बढ़ते पर्यटन और शांति प्रयासों के लिए एक गंभीर झटका है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के दोषियों को पकड़ने और क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए प्रयासरत हैं।
हमले का विवरण
22 अप्रैल को पहलगाम के बाइसारन घाटी में चार सशस्त्र आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की जान गई और 17 अन्य घायल हो गए। मारे गए लोगों में 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक शामिल हैं। पीड़ितों में हरियाणा के नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नारवाल भी शामिल थे, जो अपने हनीमून पर थे।
जिम्मेदारी और संदिग्ध
इस हमले की जिम्मेदारी “कश्मीर रेजिस्टेंस” नामक एक कम ज्ञात आतंकवादी संगठन ने ली है। उन्होंने दावा किया कि पीड़ित भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े थे। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी नेटवर्क का हाथ है।
सरकारी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा को बीच में ही छोड़कर भारत लौटकर उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठकें कीं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले का कड़ा जवाब देने की बात कही है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि सुरक्षा बलों को दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए पूरी छूट दी गई है।
अंतरराष्ट्रीय निंदा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस सहित कई वैश्विक नेताओं ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और भारत के प्रति समर्थन व्यक्त किया है।
मानवीय पहलू
हमले के दौरान कई पर्यटकों ने भयावह अनुभव साझा किए हैं। असम की एक महिला पर्यटक ने बताया कि आतंकवादियों ने उन्हें धर्म पूछकर कलमा पढ़ने को कहा, और फिर गोली चला दी। इस घटना ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया है।
📍 क्षेत्रीय प्रभाव
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पर्यटकों की भारी संख्या में वापसी हो रही है, और क्षेत्र में बंद का आह्वान किया गया है। स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है, और कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
इस हमले ने कश्मीर में हालिया वर्षों में बढ़ते पर्यटन और शांति प्रयासों के लिए एक गंभीर झटका दिया है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के दोषियों को पकड़ने और क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए प्रयासरत हैं।
स्थान:
यह हमला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में बाइसारन घाटी के पास हुआ, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल और अमरनाथ यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है।
तारीख और समय:
हमला 22 अप्रैल 2025 को दिन में हुआ, जब घाटी में काफी संख्या में पर्यटक घूमने आए हुए थे।
हमलावर:
चार आतंकवादी भारी हथियारों से लैस होकर आए थे। उन्होंने टूरिस्ट ग्रुप्स पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
हत्याएं और घायल:
- 26 लोगों की मौत हो गई (25 भारतीय नागरिक, 1 नेपाली नागरिक)।
- 17 लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
पहचान:
मारे गए लोगों में लेफ्टिनेंट विनय नारवाल (भारतीय नौसेना के अधिकारी) भी शामिल थे, जो अपने हनीमून पर वहां गए थे।
घटनास्थल की स्थिति:
घटना के वक्त चारों ओर चीख-पुकार, अराजकता और दहशत का माहौल था।
कुछ पर्यटकों ने हमलावरों से कलमा पढ़ने को कहा गया, और न पढ़ पाने पर उन्हें गोली मार दी गई – ये जानकारी हमले से बचे चश्मदीदों ने दी है।
प्रतिक्रिया:
हमले के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया।
अगर आप चाहें, तो मैं घटनास्थल का नक्शा, टाइमलाइन या चश्मदीदों के बयान भी हिंदी में उपलब्ध करवा सकता हूँ।
आतंकी संगठन:
इस हमले की जिम्मेदारी एक कम-ज्ञात आतंकवादी संगठन “कश्मीर रेजिस्टेंस” ने ली है।
यह संगठन पहले किसी बड़े हमले में शामिल नहीं रहा था, लेकिन इस बार उसने एक वीडियो मैसेज और सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए जिम्मेदारी लेने का दावा किया।
संगठन का दावा:
“कश्मीर रेजिस्टेंस” ने दावा किया कि हमला भारत की “सुरक्षा एजेंसियों के एजेंटों” और “राज्य दमन” के खिलाफ बदले के रूप में किया गया था।
हालांकि, हमले में मारे गए लोग आम नागरिक और पर्यटक थे — इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं।
मुख्य संदिग्ध:
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने हमले के मास्टरमाइंड के रूप में सैफुल्लाह खालिद नामक आतंकवादी की पहचान की है:
- यह व्यक्ति पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क से जुड़ा बताया जा रहा है।
- माना जा रहा है कि वह मुजफ्फराबाद (PoK) में छिपा हुआ है और वहीं से हमले की योजना बनाई गई।
डिजिटल फुटप्रिंट और जांच:
- सुरक्षा एजेंसियों ने सेटेलाइट कॉल्स, वॉट्सएप चैट्स, और डार्क वेब फोरम्स के ज़रिए आतंकी गतिविधियों की जानकारी जुटाई है।
- संदिग्धों के पाकिस्तान के कराची और लाहौर में मौजूद ‘सेफ हाउस’ से संपर्क होने के सबूत मिले हैं।
अंतरराष्ट्रीय संदर्भ:
भारत ने पाकिस्तान से इस हमले पर स्पष्टीकरण और कार्रवाई की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस, और ब्रिटेन जैसे देशों ने इस हमले की निंदा की है और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है।
यहाँ पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) पर सरकारी प्रतिक्रिया, अंतरराष्ट्रीय निंदा, स्थानीय प्रतिक्रिया, और मानवीय पहलू को विस्तार से हिंदी में प्रस्तुत किया गया है:
🏛️ सरकारी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश यात्रा (सऊदी अरब) बीच में ही छोड़कर तुरंत भारत वापसी की और उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा:
“भारत इस बर्बर हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा, और आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”
गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के DGP और अन्य अधिकारियों से बात की और NIA को जांच सौंपी गई।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बयान दिया कि:
“दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, सेना और पुलिस को खुली छूट दी गई है।”
अंतरराष्ट्रीय निंदा
अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा:
“निहत्थे पर्यटकों पर हमला अमानवीय है और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता ज़रूरी है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर भारत के प्रति पूर्ण समर्थन की बात कही।
स्थानीय प्रतिक्रिया
कश्मीर घाटी में व्यापक आक्रोश है।
कई जगहों पर प्रदर्शन, मोमबत्ती मार्च, और बंद का ऐलान हुआ।
जम्मू में विरोध प्रदर्शन हुए, सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
कुछ स्थानीय लोगों ने कहा:
“यह हमला हमारे कश्मीर की छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। हम अमन चाहते हैं।”
मानवीय पहलू
असम की महिला प्रोफेसर, जो इस हमले से बचीं, ने बताया:
“आतंकियों ने धर्म पूछा, कलमा पढ़ने को कहा, और न पढ़ पाने पर लोगों को गोली मार दी।”
एक पुणे के व्यापारी के सिर, पीठ और कान में तीन गोलियां लगीं – उनकी पत्नी ने रोते हुए बताया:
“हम तो घूमने आए थे, किस्मत ने मौत का मंजर दिखा दिया।”
कई पर्यटकों के बच्चे गोलियों की आवाज़ से सहम कर बेहोश हो गए, कुछ को पैरों में गोली लगी।
घायल पर्यटकों को श्रीनगर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जिनमें से कुछ ICU में हैं।