About Author

Morgan Howen

Morgan is an example author of everest news. She has just a dummy image &

2024 इस साल छठ पूजा जाने कब है नहाय खाए कब है खरना कब है संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य देने का समय देखें पूरा कैलेंडर

  • आइए हम बात करेंगे छठ पूजा के लेकर दोस्तों 2024 में नहाए का दिन 5 नवंबर 2024 को है छठ पूजा के पहले 3 दिन श्रद्धालू नदी या तालाब में स्नान करते हैं और लोग किसी भी प्रकार का वजन नहीं लेते हैं और जल भी नहीं लेते हैं साल 2024 में छठ पूजा 7 नवंबर को मनाई जाती है यह त्योहार कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन मनाया जाता है और छठ पूजा से जुड़ी कुछ और खास बातें
  • छठ पूजा से पहले नहाए खाए होता है इस दिन लोग नदिया तलाब में स्नान करते हैं और सात्विक भोजन करते हैं
  • छठ पूजा के दूसरे दिन खरना होता है इस दिन प्रतिदिन भर राजा व्रत रखते हैं शाम को पूजा के बाद खीर रोटी और फल खाए जाते हैं
  • छठ पूजा खास करके भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में सबसे ज्यादा मनाया जाता है और इसे बिहारी लोग अपना सबसे बड़ा त्यौहार मानते हैं और इस त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और लोग खूब खुशियां बटोरते हैं
  • छठ पूजा का सबसे आम दिन तीसरा दिन होता है इस दिन बाराती सूर्यास्त के समय नदी या तालाब के किनारे जाकर सूर्य देव को अर्घ्य देती है
  • चौथे दिन उगते सूर्य को अर्ध्याय दिया जाता है इसके बाद वृद्धि अपना व्रत तोड़ते हैं और प्रसाद वितरित करते हैं

छठ पूजा साल में दो बार मनाई जाती है

  • गर्मियों में मनाए जाने वाली छठ पूजा को चैती छठ कहा जाता है या होली के कुछ दिन बाद मनाई जाती है सर्दियों में मनाए जाने वाली छठ पूजा को कार्तिक छठ कहा जाता है यह दिवाली के 6 दिन बाद मनाई जाती है

छठ पूजा 2024

  • हिंदू धर्म में छठ का ऑफर बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैवैदिक पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सस्ती तिथि से छठ पूजा आरंभ होती है जो पूरे 4 दिन तक रहती है इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और अच्छी स्वास्थ्य के लिए 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती है इससे सबसे कठिन व्रत में से एक माना जाता है बता दे कि इस पर्व का आरंभ नहाए खाए के साथ होता है और व्रत का पारण चौथे दिन युक्ति हुए सूर्य को अयोध्या देने के साथ समाप्त होता है इस पर्व को बिहार झारखंड पूर्वी उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल आदि जगहों पर भी मनाया जाता है

छठ कब है

  • हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि के साथ छठ पूजा आरंभ होती है षष्ठी तिथि 7 नवंबर को सुबह 12:41 से आरंभ हो रही है, 8 नवंबर को सुबह 12:35 में समाप्त हो रही है उदया तिथि के आधार पर छठ पूजा 7 नवंबर को है इस दिन शाम के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा

छठ पूजा 2024 कैलेंडर

  • छठ पूजा का पहला दिन नहाए खाए : 5 नवंबर 2024 मंगलवार
  • छठ पूजा का दूसरा दिन खरना : 6 नवंबर 2024 बुधवार
  • छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य : 7 नवंबर गुरुवार
  • छठ पूजा का चौथा दिन उषा अर्ध्य : 8 नवंबर शुक्रवार

नहाय खाय 2024

  • छठ पूजा के पहले दिन को नहाए खाए कहा जाता है इस दिन सूर्योदय सुबह 6:39 पर है इसके साथ ही सूर्यास्त शाम 5:41 पर है इस दिन व्रती इस स्नान करती है और एक समय भोजन करती है

खरना 2024

  • छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है इस दिन छठी माता के लिए भजन भोग लगाया जाता है शाम के समय मीठा भारत और लौकी की खिचड़ी खाई जाती है

छठ पूजा अर्घ्य

  • छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है इसके साथ ही बांस के सूप में फल करना चावल के लड्डू ठेकुआ सहित अन्य सामग्री रख कर नदी सरोवर के अंदर खड़े होकर पूजा की जाती है इस दिन सूर्यास्त शाम 5:29 पर है

उषा अर्घ्य

  • छठ पूजा के चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है इस दिन सूर्योदय सुबह 6:37 पर है इस दिन व्रती अपने व्रत का पारण कर देगी

कौन हैं छठी मैया, कहां से हुई उनकी उत्पत्ति?

  • छठ पूजा को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है. इस पूजा को शारीरिक और मानसिक रूप से बड़ी शुद्धता के साथ मनाया जाता है. छठ पूजा का व्रत इतना आसान नहीं होता. छठ पूजा में व्रती कड़े नियमों के साथ 36 घंटे निर्जला उपवास पर रहती हैं. व्रती उपवास इसलिए करती हैं, ताकि उनके बेटे की रक्षा हो सके और घर में सुख समृद्धि की उन्नति हो. साथ ही व्रती को नीचे चादर बिछाकर सोना पड़ता है और बिना सिलाई किए हुए कपड़े पहनने पड़ते हैं. वहीं निसंतान महिलाएं व्रत रखकर इस पूजा का पालन करती हैं तो छठी मैया की कृपा से उनकी मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती हैं और पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है. छठी मैया को मातृ देवी भी कहा जाता है.

Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *