तेजस्वी यादव बिहार के सबसे कम उम्र में उपमुख्यमंत्री बनने वाले नेता हैं। जब वे 2015 में सिर्फ 26 साल की उम्र में बिहार के उपमुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने एक नया इतिहास रच दिया।
1.2015 में उपमुख्यमंत्री बनने की कहानी
- 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में, तेजस्वी यादव ने राघोपुर सीट से जीत हासिल की।
- उस समय महागठबंधन (राजद, जदयू, कांग्रेस) की सरकार बनी, और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने।
- चूंकि राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, इसलिए तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री पद दिया गया।
- इस तरह 26 साल की उम्र में वे देश के सबसे युवा डिप्टी सीएम बन गए।
2.उनकी दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बनने की कहानी (2022)
- 2022 में जब नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई, तो एक बार फिर तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
- इस बार भी वे 33 साल की उम्र में उपमुख्यमंत्री बने, जो अब भी एक युवा उम्र मानी जाती है।
3.भारत में सबसे कम उम्र के उपमुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड
- तेजस्वी यादव भारत के सबसे कम उम्र के उपमुख्यमंत्री (26 साल) बने थे।
- इससे पहले ज्यादातर उपमुख्यमंत्रियों की उम्र 40-50 वर्ष के बीच होती थी।
- उनकी यह उपलब्धि उन्हें भारत के युवा नेताओं में सबसे प्रभावशाली बनाती है
4.बेरोजगारी को लेकर चर्चा में आए तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव बिहार में बेरोजगारी के मुद्दे को उठाने वाले सबसे प्रमुख नेताओं में से एक रहे हैं। खासतौर पर 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने “10 लाख नौकरियों” के वादे के साथ चुनाव लड़ा, जिससे यह मुद्दा राज्य की राजनीति में केंद्र बिंदु बन गया।
1. 2020 चुनाव में बेरोजगारी को बनाया मुख्य मुद्दा
- बिहार में बेरोजगारी की समस्या लंबे समय से बनी हुई थी, लेकिन तेजस्वी यादव ने इसे 2020 के चुनाव अभियान का सबसे बड़ा मुद्दा बनाया।
- उन्होंने चुनावी सभाओं में बार-बार कहा –
“अगर हमारी सरकार बनी, तो पहली कैबिनेट बैठक में ही 10 लाख नौकरियों की घोषणा करेंगे।” - इस वादे ने युवा वोटर्स के बीच जबरदस्त समर्थन जुटाया और तेजस्वी की लोकप्रियता बढ़ गई।
2. “बेरोजगारी हटा दो” के नारे से युवाओं को जोड़ा
- तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी को बिहार के विकास से जोड़ते हुए इसे प्रमुख चुनावी नारा बना दिया।
- उनकी रैलियों में युवा बड़ी संख्या में जुटने लगे, जिससे साफ हुआ कि बेरोजगारी का मुद्दा बेहद गंभीर है।
- सोशल मीडिया पर “बेरोजगारी हटाओ” ट्रेंड करने लगा, जिससे यह चुनाव का मुख्य एजेंडा बन गया।
3. बीजेपी और जदयू पर बेरोजगारी को लेकर हमले
- तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और भाजपा पर बेरोजगारी को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
- उन्होंने सवाल उठाया –
“अगर दूसरे राज्यों में नौकरियां दी जा सकती हैं, तो बिहार में क्यों नहीं?” - उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के युवा दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं, क्योंकि राज्य में रोजगार के अवसर नहीं हैं।
4. चुनाव नतीजे और बेरोजगारी की गूंज
- तेजस्वी यादव की पार्टी राजद 2020 में सबसे बड़ी पार्टी बनी (75 सीटें), लेकिन सरकार नहीं बना पाई।
- हालांकि, उनके बेरोजगारी के मुद्दे ने पूरे चुनाव को प्रभावित किया और बाकी दलों को भी इस पर बात करने के लिए मजबूर किया।
5. उपमुख्यमंत्री बनने के बाद भी रोजगार पर फोकस
- 2022 में दोबारा उपमुख्यमंत्री बनने के बाद, तेजस्वी यादव ने सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया में तेजी लाने की बात कही।
- उन्होंने स्वास्थ्य, पुलिस और अन्य विभागों में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने पर जोर दिया
फैंसी लाइफस्टाइल और लग्जरी कारों का शौक – तेजस्वी यादव की स्टाइलिश जिंदगी
तेजस्वी यादव न केवल एक प्रभावशाली नेता हैं, बल्कि उनकी फैंसी लाइफस्टाइल और महंगी कारों के शौक के लिए भी जाने जाते हैं। राजनीति में आने से पहले वे क्रिकेटर थे, और उनकी लाइफस्टाइल हमेशा से चर्चाओं में रही है।
1. महंगी गाड़ियों का शौक
- तेजस्वी यादव को लक्जरी कारों का काफी शौक है।
- उनके पास रेंज रोवर, BMW, ऑडी जैसी महंगी गाड़ियां देखी गई हैं।
- उन्होंने कई बार अपने स्टाइलिश अंदाज और महंगी गाड़ियों के साथ पब्लिक अपीयरेंस दी है, जिससे वे युवा वर्ग में काफी चर्चित रहते हैं।
2. स्टाइलिश ड्रेसिंग सेंस
- तेजस्वी यादव अपने फैशन सेंस के लिए भी जाने जाते हैं।
- सफेद कुर्ता-पायजामा और नेहरू जैकेट उनका सिग्नेचर स्टाइल है, लेकिन वे ब्रांडेड कपड़ों में भी नजर आते हैं।
- वे अपने लुक को सिंपल रखते हुए भी स्टाइलिश और स्मार्ट दिखने पर ध्यान देते हैं।
3. क्रिकेटर की वजह से मिली ग्लैमरस लाइफस्टाइल
- तेजस्वी यादव जब आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) का हिस्सा थे, तब वे मल्टीस्टार क्रिकेटर्स के साथ घूमते और पार्टी करते नजर आते थे।
- क्रिकेट के दिनों में उन्होंने महंगी होटलों, विदेशी ट्रिप और हाई-प्रोफाइल लाइफस्टाइल का अनुभव लिया।
4. सोशल मीडिया पर चर्चित लाइफस्टाइल
- सोशल मीडिया पर तेजस्वी यादव की महंगी गाड़ियों, शानदार रहन-सहन और हाई-प्रोफाइल इवेंट्स में उपस्थिति की तस्वीरें वायरल होती रहती हैं।
- उनके फैंसी लाइफस्टाइल को लेकर कई बार विपक्षी दलों ने भी निशाना साधा, लेकिन उनके समर्थकों को उनका यह अंदाज पसंद आता है।
5. सादगी और फैंसी लाइफस्टाइल का बैलेंस
- तेजस्वी यादव भले ही लक्जरी गाड़ियों और स्टाइलिश ड्रेसिंग के शौकीन हैं, लेकिन वे ग्राउंड लेवल की राजनीति करने और आम जनता से जुड़े रहने के लिए भी जाने जाते हैं।
- उन्होंने क्रिकेटर से नेता बनने के बाद अपनी लाइफस्टाइल में बैलेंस बनाए रखा है – जहाँ वे कभी सुपर लग्जरी गाड़ियों में नजर आते हैं, तो कभी ग्रामीण इलाकों में आम जनता के बीच पैदल चलते दिखते हैं।
बड़े राजनीतिक परिवार से ताल्लुक – तेजस्वी यादव की पारिवारिक विरासत
तेजस्वी यादव बिहार के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवारों में से एक से आते हैं। उनका परिवार दशकों से राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभाता आया है। उनके पिता लालू प्रसाद यादव और माँ राबड़ी देवी, दोनों ही बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
1. पिता – लालू प्रसाद यादव
- लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक और बिहार के सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं।
- वे 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे, और उनके कार्यकाल में पिछड़ों और गरीबों की राजनीति को मजबूती मिली।
- वे रेल मंत्री भी रह चुके हैं, और भारतीय राजनीति में एक दमदार नेता और बेबाक वक्ता के रूप में जाने जाते हैं।
- लालू यादव की राजनीति ने बिहार की सामाजिक और जातिगत समीकरणों को गहराई से प्रभावित किया है।
2. माँ – राबड़ी देवी
- जब 1997 में लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के कारण इस्तीफा देना पड़ा, तो उन्होंने राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री बना दिया।
- राबड़ी देवी बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं और 2005 तक तीन बार इस पद पर रहीं।
- वे राजद की वरिष्ठ नेता हैं और तेजस्वी यादव की राजनीति में एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाती हैं।
3. भाई-बहनों का राजनीतिक कनेक्शन
- तेजस्वी यादव 9 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं, लेकिन वे राजनीति में सबसे ज्यादा सफल हुए हैं।
- उनकी बड़ी बहन मीसा भारती राज्यसभा सांसद हैं और राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाती हैं।
- उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव भी बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं और मंत्री रह चुके हैं।
4. राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे तेजस्वी
- तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी संभाल ली है।
- वे राजद के सबसे बड़े नेता बन चुके हैं और युवा वर्ग के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
- उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन किया और अब बिहार के सबसे बड़े विपक्षी नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं।
5. राजद परिवार की राजनीति में पकड़
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) बिहार की सबसे पुरानी और मजबूत क्षेत्रीय पार्टियों में से एक है।
- यह पार्टी मुख्य रूप से यादव, मुस्लिम और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के समर्थन पर टिकी हुई है।
- लालू यादव की अनुपस्थिति में तेजस्वी यादव ने पार्टी को संभालने का पूरा दारोमदार अपने कंधों पर लिया और उसे नई दिशा दी।