बीजेपी और जदयू पर बेरोजगारी को लेकर तेजस्वी यादव के हमले
बिहार की राजनीति में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा रहा है, और तेजस्वी यादव ने इसे अपनी राजनीति का केंद्र बिंदु बनाया है। उन्होंने कई बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) पर बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर तीखे हमले किए हैं।
1. 2020 विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी बना मुख्य मुद्दा
- 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी के मुद्दे को अपने चुनाव प्रचार का मुख्य हथियार बनाया।
- उन्होंने वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनी तो पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी।
- इस ऐलान से युवा मतदाताओं के बीच उनकी लोकप्रियता जबरदस्त तरीके से बढ़ी।
- इसके विपरीत, बीजेपी ने 19 लाख नौकरियों का वादा किया, लेकिन तेजस्वी यादव ने इसे जुमला करार दिया।
2. नीतीश कुमार और बीजेपी सरकार पर बेरोजगारी को लेकर तंज
- तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और बीजेपी को बेरोजगारी के मुद्दे पर कई बार घेरा।
- उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग और निवेश नहीं होने के कारण बेरोजगारी बढ़ रही है।
- उनका आरोप रहा है कि बीजेपी और जदयू की सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह विफल रही है।
- उन्होंने कई बार यह भी कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में केवल ठेके पर नौकरी दी जाती है, जिससे युवाओं का भविष्य सुरक्षित नहीं हो पा रहा।
3. बीजेपी को “जुमलेबाज पार्टी” बताया
- तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि वे सिर्फ जुमले फेंकते हैं, लेकिन असल में रोजगार देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते।
- उन्होंने मोदी सरकार के 2 करोड़ नौकरियों के वादे को याद दिलाते हुए कहा कि आज भी करोड़ों युवा बेरोजगार हैं।
- वे लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार सरकार से सवाल पूछते हैं कि आखिर नौकरियां कहां हैं?
4. बिहार में बड़े उद्योगों की कमी पर सवाल
- तेजस्वी यादव का आरोप है कि बिहार में बड़े उद्योग नहीं हैं, इसलिए यहां रोजगार के मौके बेहद सीमित हैं।
- उन्होंने बीजेपी और जदयू से पूछा कि अगर वे इतने सालों से सत्ता में हैं, तो बिहार में फैक्ट्रियां और आईटी हब क्यों नहीं बने?
- उनका कहना है कि युवाओं को मजबूर होकर दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ रहा है।
5. विधानसभा में भी बेरोजगारी पर हमले
- विधानसभा में भी तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी को लेकर नीतीश सरकार और बीजेपी को घेरा।
- उन्होंने कहा कि बिहार सरकार सिर्फ आंकड़ों का खेल खेलती है, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है।
- उन्होंने मांग की कि राज्य में स्थायी सरकारी नौकरियों की संख्या बढ़ाई जाए और ठेका प्रथा खत्म की जाए।
6. “बिहार में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है” – तेजस्वी का दावा
- तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के युवाओं की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही।
- उनका दावा है कि अगर राजद की सरकार बनी तो वे रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे।
- वे यह भी कहते हैं कि सरकार को चाहिए कि शिक्षा और उद्योगों पर ज्यादा ध्यान दे, ताकि युवा बिहार में ही काम कर सकें।
2020 विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी बना मुख्य मुद्दा
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी के मुद्दे को अपने चुनावी अभियान का सबसे बड़ा हथियार बनाया। उन्होंने इसे युवा वोटर्स को आकर्षित करने की रणनीति के तौर पर इस्तेमाल किया और बेरोजगारी को लेकर नीतीश कुमार और बीजेपी पर जमकर हमले किए।
1. 10 लाख नौकरियों का वादा – चुनावी गेमचेंजर
- तेजस्वी यादव ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनी तो पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
- उन्होंने कहा कि यह सिर्फ चुनावी जुमला नहीं, बल्कि पूरी तरह से प्लान किया गया कदम है।
- उन्होंने बताया कि बिहार सरकार में लाखों पद खाली पड़े हैं, जिन्हें भरकर युवाओं को रोजगार दिया जा सकता है।
2. युवा वोटर्स को लुभाने की रणनीति
- बिहार में युवाओं की बड़ी संख्या बेरोजगारी से जूझ रही थी, और तेजस्वी ने इसे भांपकर इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया।
- चुनावी रैलियों में उन्होंने युवाओं की भारी भीड़ खींची, क्योंकि वे इस वादे को लेकर गंभीर नजर आ रहे थे।
- सोशल मीडिया पर भी #10LakhJobs का नारा ट्रेंड करने लगा, जिससे उनकी मुहिम को और मजबूती मिली।
3. बीजेपी और जदयू का जवाब – 19 लाख नौकरियों का वादा
- तेजस्वी यादव के इस वादे के बाद बीजेपी ने काउंटर करने के लिए 19 लाख नौकरियों का वादा किया।
- हालांकि, तेजस्वी ने इसे जुमला करार देते हुए कहा कि बीजेपी और जदयू सिर्फ चुनावी घोषणाएं करते हैं, लेकिन उन्हें पूरा नहीं करते।
- उन्होंने बीजेपी के 2014 के चुनावी वादे (हर साल 2 करोड़ नौकरियां) की याद दिलाते हुए कहा कि वे झूठे वादे करने में माहिर हैं।
4. रैलियों में “नौकरी बनाम जुमला” की गूंज
- तेजस्वी यादव ने अपनी हर चुनावी रैली में बेरोजगारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया।
- उनके भाषणों में बार-बार नीतीश कुमार की सरकार को निशाना बनाया गया, जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल में बिहार में कोई बड़ा उद्योग या रोजगार पैदा करने वाली नीति नहीं बनी।
- उन्होंने सीधे सवाल उठाया –
“बिहार के युवा आखिर कब तक पलायन करेंगे? बीजेपी और जदयू ने 15 साल में कितनी नौकरियां दीं?”
5. बेरोजगारी मुद्दे से चुनावी समीकरणों पर असर
- बेरोजगारी का मुद्दा तेजस्वी यादव की लोकप्रियता को काफी बढ़ाने में सफल रहा।
- युवा मतदाता, जो पहले राजनीति में ज्यादा रुचि नहीं लेते थे, तेजस्वी की सभाओं में भारी संख्या में शामिल होने लगे।
- कई चुनावी विश्लेषकों ने कहा कि अगर तेजस्वी को बहुमत नहीं मिला, तो भी उन्होंने खुद को भविष्य के मुख्यमंत्री के तौर पर स्थापित कर लिया।
6. नतीजे – सरकार नहीं बनी, लेकिन तेजस्वी बने मजबूत नेता
- 2020 के चुनाव में राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं जुटा पाई।
- हालांकि, तेजस्वी यादव विपक्ष के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे और उन्होंने सरकार पर बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर लगातार दबाव बनाए रखा।
नीतीश कुमार और बीजेपी सरकार पर बेरोजगारी को लेकर तेजस्वी यादव के तंज
तेजस्वी यादव बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर नीतीश कुमार और बीजेपी सरकार पर लगातार हमले करते रहे हैं। उन्होंने बिहार की बेरोजगारी दर, सरकारी नौकरियों की कमी और युवाओं के पलायन को लेकर कई बार तीखी बयानबाजी की है।
1. “नीतीश कुमार थक चुके हैं, अब बिहार को नई सोच चाहिए”
- तेजस्वी यादव ने कई बार नीतीश कुमार को “थका हुआ नेता” बताया और कहा कि अब बिहार को एक ऊर्जावान और युवा मुख्यमंत्री की जरूरत है।
- उन्होंने तंज कसते हुए कहा –
“नीतीश कुमार को युवाओं की चिंता नहीं है, वे बस कुर्सी बचाने में लगे हैं। 17 साल से सत्ता में रहते हुए भी वे बेरोजगारी दूर नहीं कर सके।”
2. “बेरोजगारी पर सरकार की नीतियां फेल”
- तेजस्वी यादव का कहना है कि बिहार सरकार के पास युवाओं को रोजगार देने की कोई ठोस नीति नहीं है।
- उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में नौकरी देने की बजाय सरकार संविदा (ठेके पर) नियुक्ति की व्यवस्था को बढ़ावा दे रही है, जिससे युवाओं का भविष्य असुरक्षित है।
- उनके अनुसार, सरकारी भर्तियों में देरी, भ्रष्टाचार और परीक्षा प्रक्रिया की अनियमितताओं ने युवाओं को हताश कर दिया है।
3. “बिहार में बेरोजगारी सबसे ज्यादा, फिर भी सरकार चुप क्यों?”
- तेजस्वी यादव ने बिहार की बेरोजगारी दर को लेकर कई बार सरकार को घेरा।
- उन्होंने CMIE (Centre for Monitoring Indian Economy) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में बेरोजगारी दर देश में सबसे ज्यादा है।
- उन्होंने सवाल उठाया –
“अगर बिहार में इतनी ही तरक्की हो रही है, तो हमारे युवा रोजगार के लिए दिल्ली, पंजाब, मुंबई और गुजरात क्यों जा रहे हैं?”
4. “डबल इंजन सरकार ने कुछ नहीं किया”
- बीजेपी और जदयू की सरकार को “डबल इंजन सरकार” कहकर मजाक उड़ाते हुए तेजस्वी ने कहा कि अगर यह सरकार वाकई इतनी ताकतवर है, तो बिहार आज भी पिछड़ा क्यों है?
- उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की बीजेपी-जदयू सरकार ने सिर्फ वादे किए, लेकिन रोजगार के मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
- तेजस्वी ने कहा –
“डबल इंजन सरकार का इंजन सिर्फ घोषणाओं से चलता है, लेकिन जब काम करने की बारी आती है, तो इंजन फेल हो जाता है।”
5. “सरकारी नौकरियां नहीं, सिर्फ ठेके और पलायन”
- तेजस्वी यादव का आरोप है कि सरकार स्थायी नौकरियां देने के बजाय युवाओं को ठेके पर काम करने को मजबूर कर रही है।
- उन्होंने कहा कि बिहार का युवा मजबूरी में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मुंबई और बंगाल जाकर मजदूरी करने को मजबूर है।
- तेजस्वी ने सवाल उठाया –
“बिहार में अच्छे स्कूल, यूनिवर्सिटी और फैक्ट्रियां क्यों नहीं हैं? क्यों हमारे युवा दूसरे राज्यों में जाकर छोटे-मोटे काम करने को मजबूर हैं?”
6. “19 लाख नौकरियों का वादा – सिर्फ जुमला”
- जब 2020 के चुनाव में बीजेपी ने 19 लाख नौकरियां देने का वादा किया, तो तेजस्वी यादव ने इसे चुनावी जुमला करार दिया।
- उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 2014 में हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन हकीकत में नौकरी कम और बेरोजगारी ज्यादा हुई।
- तेजस्वी ने कहा –
“अगर 19 लाख नौकरियां देना इतना ही आसान था, तो बीजेपी ने अपनी सरकार बनने के बाद ये नौकरियां क्यों नहीं दीं?”
7. विधानसभा में भी बेरोजगारी पर हमला
- बिहार विधानसभा में भी तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी को लेकर सरकार को घेरा।
- उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से पूछा कि बिहार में कितने सरकारी पद खाली हैं और सरकार कब तक इन्हें भरेगी?
- विधानसभा में उन्होंने कहा –
“सरकार सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि बिहार के युवा बेरोजगारी के कारण निराश हैं।”
नीतीश कुमार और बीजेपी सरकार पर बेरोजगारी को लेकर तेजस्वी यादव के तंज
बिहार में बेरोजगारी एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा रहा है, और तेजस्वी यादव ने इसे लेकर नीतीश कुमार और बीजेपी सरकार पर लगातार हमले किए हैं। उन्होंने सरकार पर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और दावा किया कि पिछले 15 सालों में बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है।
1. “नीतीश कुमार थक चुके हैं, अब बिहार नहीं संभाल सकते”
- तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि वे अब थक चुके हैं और बिहार की जिम्मेदारी संभालने के काबिल नहीं रहे।
- उन्होंने कहा, “नीतीश जी कहते हैं कि रोजगार पैदा करना उनकी जिम्मेदारी नहीं है, तो फिर 15 साल तक मुख्यमंत्री क्यों बने रहे?”
- उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश कुमार सिर्फ कुर्सी से चिपके रहना चाहते हैं, लेकिन बेरोजगारी दूर करने की नीयत नहीं है।
2. “बीजेपी सिर्फ जुमले देती है, रोजगार नहीं”
- तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी ने हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, लेकिन 10 साल बाद भी नौकरियां नहीं आईं।
- उन्होंने कहा, “बीजेपी सिर्फ जुमले फेंकती है, लेकिन जब युवाओं को नौकरी देने की बात आती है, तो चुप्पी साध लेती है।”
- उन्होंने यह भी तंज कसा कि “मोदी सरकार सिर्फ पकौड़ा तलने वाली नौकरियां देने में विश्वास रखती है।”
3. बिहार में निवेश और उद्योग क्यों नहीं?
- तेजस्वी ने सवाल उठाया कि बिहार में बड़े उद्योग क्यों नहीं लगाए गए?
- उन्होंने कहा कि “जब बीजेपी और जदयू की सरकार 15 सालों से सत्ता में है, तो बिहार में आज तक कोई बड़ा उद्योग क्यों नहीं लगा?”
- उनका आरोप था कि अगर बिहार में फैक्ट्रियां और आईटी सेक्टर विकसित होता, तो लाखों युवाओं को रोजगार मिल सकता था।
4. “15 साल से सत्ता में, लेकिन बेरोजगारी दूर नहीं हुई”
- तेजस्वी यादव ने बार-बार यह सवाल उठाया कि नीतीश कुमार पिछले 15 साल से मुख्यमंत्री हैं, फिर भी बिहार में बेरोजगारी चरम पर क्यों है?
- उन्होंने कहा, “नीतीश जी सिर्फ घोषणाएं करते हैं, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं बदलता।”
- उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि अगर उनकी नीतियां इतनी अच्छी थीं, तो बिहार के युवा आज भी दूसरे राज्यों में मजदूरी करने क्यों जा रहे हैं?”
5. “युवाओं को ठगने वाली सरकार”
- तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और बीजेपी सरकार पर युवाओं को ठगने का आरोप लगाया।
- उन्होंने कहा, “बिहार के युवा डिग्रियां लेकर घूम रहे हैं, लेकिन नौकरी नहीं मिल रही। ये सरकार सिर्फ रिजल्ट रोक सकती है, पेपर लीक करा सकती है, लेकिन नौकरी नहीं दे सकती।”
- बिहार में होने वाले बैकलॉग भर्तियों और पेपर लीक की घटनाओं को लेकर भी उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
6. विधानसभा में नीतीश कुमार से सीधा सवाल
- विधानसभा में भी तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर बेरोजगारी को लेकर तीखे सवाल किए।
- उन्होंने पूछा, “नीतीश जी, बताइए बिहार में कितनी सरकारी नौकरियां दी गईं?”
- जब नीतीश कुमार जवाब देने में असमर्थ रहे, तो उन्होंने कहा, “अगर आपके पास जवाब नहीं है, तो कुर्सी छोड़ दीजिए।”
7. “बिहार के युवा आंदोलन करेंगे”
- तेजस्वी ने कहा कि अगर सरकार बेरोजगारी पर ध्यान नहीं देती, तो बिहार के युवा सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
- उन्होंने ऐलान किया कि राजद बेरोजगारी के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी और युवाओं के हक के लिए संघर्ष करेगी।