- नीति आयोग की बैठक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों ने भाग लिया। बैठक में विकास योजनाओं और संघीय सहयोग पर चर्चा हुई।
- कोविड-19 के नए मामले: कर्नाटक में कोरोना वायरस के 35 नए मामले सामने आए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की आवश्यकता नहीं है।
- सिंधु जल संधि पर भारत का रुख: संयुक्त राष्ट्र में भारत ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ सिंधु नदी जल संधि को फिलहाल स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान आतंकवाद पर ठोस कदम नहीं उठाता।
24 मई 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक का मुख्य विषय था: “विकसित राज्य के लिए विकसित भारत @2047”, जिसका उद्देश्य भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की रणनीति पर चर्चा करना था।
बैठक के प्रमुख बिंदु:
- सहकारी संघवाद पर बल: प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र और राज्यों के बीच “टीम इंडिया” की भावना को मजबूत करने पर जोर दिया, जिससे राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में समन्वय बढ़े।
- राज्यों की भूमिका: बैठक में राज्यों के विकास को राष्ट्रीय प्रगति का आधार माना गया, और राज्यों को अपने-अपने “विजन 2047” दस्तावेज़ तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
- विकास के क्षेत्र: बैठक में आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचा, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल परिवर्तन और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
- राज्यों की प्रस्तुतियाँ: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने “स्वर्णांध्र” पहल के तहत राज्य की प्रगति और योजनाओं की प्रस्तुति दी
24 मई 2025 तक भारत में कोविड-19 के मामलों में हल्की वृद्धि देखी गई है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है।
🇮🇳 भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति
- सक्रिय मामले: 19 मई 2025 तक देश में सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या 257 है, जो 12 मई को 93 थी। यह वृद्धि मुख्यतः केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों में देखी गई है।
- मामलों की गंभीरता: अधिकांश नए मामले हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं पड़ी है। स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर निगरानी बनाए हुए है और आवश्यक कदम उठा रहा है।
नए वेरिएंट्स और सावधानियाँ
- नए उप-संस्करण: भारत में NB.1.8.1 और LF.7 जैसे नए कोविड-19 उप-संस्करणों के कुछ मामले सामने आए हैं। हालांकि, इनकी संख्या सीमित है और स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
- राज्य स्तरीय उपाय:
- आंध्र प्रदेश: विशाखापत्तनम में VIMS अस्पताल ने 20 बिस्तरों वाला विशेष कोविड वार्ड स्थापित किया है, जहां रैपिड एंटीजन टेस्ट किट्स और आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं।
- केरल: स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया है। राज्य में अब तक 273 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें कोट्टायम और तिरुवनंतपुरम सबसे अधिक प्रभावित हैं।
नागरिकों के लिए सुझाव
- सावधानियाँ: हालांकि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन नागरिकों को मास्क पहनने, हाथ धोने, भीड़-भाड़ से बचने और लक्षण दिखने पर परीक्षण कराने की सलाह दी जाती है।
- यात्रा सलाह: सिंगापुर, थाईलैंड और हांगकांग जैसे देशों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि देखी गई है। इन देशों की यात्रा करने वाले यात्रियों को सतर्क रहने और स्थानीय स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है।
भारत ने सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को 24 अप्रैल 2025 से स्थगित कर दिया है। यह निर्णय 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 नागरिकों की मृत्यु हुई थी। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है और इसे सीमा पार आतंकवाद का उदाहरण बताया है।
🇮🇳 भारत का रुख
- “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते”: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और अपरिवर्तनीय कदम नहीं उठाता, तब तक सिंधु जल संधि निलंबित रहेगी।
- कृषि के लिए जल उपयोग: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिया है कि भारत अब सिंधु नदी के जल का उपयोग अपने किसानों के हित में करने पर विचार कर रहा है, विशेषकर उत्तर भारत के राज्यों में।
- अंतरराष्ट्रीय मंच पर पक्ष रखना: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान पर संधि की भावना का उल्लंघन करने और आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है।
🇵🇰 पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
- “जल बम” की चेतावनी: पाकिस्तानी सीनेटर सैयद अली ज़फ़र ने भारत के इस कदम को “जल बम” करार दिया है और सरकार से इस संकट को टालने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
- राष्ट्रीय असेंबली का प्रस्ताव: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने भारत के इस निर्णय की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- यूके और यूएस की मध्यस्थता की पेशकश: ब्रिटेन और अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी संघर्षविराम और संवाद सुनिश्चित करने के लिए प्रयास शुरू किए हैं।
- भारत का रुख: भारत ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी संवाद द्विपक्षीय होगा और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार्य नहीं है।
निष्कर्ष
भारत का सिंधु जल संधि को स्थगित करने का निर्णय आतंकवाद के खिलाफ उसकी कड़ी नीति को दर्शाता है। यह कदम भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया मोड़ है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती प्रस्तुत करता है।
यदि आप इस विषय पर और अधिक जानकारी चाहते हैं, जैसे कि संधि के कानूनी पहलू या इसके पर्यावरणीय प्रभाव, तो कृपया बताएं।
भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को लेकर बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिका और ब्रिटेन ने दोनों देशों के बीच स्थायी संघर्षविराम और संवाद स्थापित करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की है।
🇺🇸🇬🇧 अमेरिका और ब्रिटेन की मध्यस्थता की पहल
17 मई 2025 को ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने इस्लामाबाद में घोषणा की कि ब्रिटेन और अमेरिका मिलकर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम को स्थायी बनाने और विश्वास बहाली के उपायों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों से मौजूदा संधियों, विशेष रूप से सिंधु जल संधि, का पालन करने का आग्रह किया।
इससे पहले, 10 मई 2025 को अमेरिका, ब्रिटेन और खाड़ी देशों की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौता हुआ था, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू किया गया।
🇮🇳 भारत का रुख
भारत ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों का समाधान केवल द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से ही संभव है, और किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार्य नहीं है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को “विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय” रूप से समाप्त नहीं करता, तब तक सिंधु जल संधि निलंबित रहेगी।
🇵🇰 पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने भारत के इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है और इसे “आक्रामकता का कार्य” करार दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि सिंधु जल संधि का निलंबन पाकिस्तान की कृषि और जल सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
निष्कर्ष
हालांकि अमेरिका और ब्रिटेन ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए मध्यस्थता की पहल की है, लेकिन भारत की स्पष्ट नीति है कि सभी मुद्दों का समाधान केवल द्विपक्षीय वार्ता से ही संभव है। इस स्थिति में, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका सीमित है, और दोनों देशों के बीच प्रत्यक्ष संवाद ही तनाव कम करने का एकमात्र मार्ग है।