दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर हाल ही में बढ़ा है, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है। पिछले महीने, दिल्ली के लोनी क्षेत्र में AQI 403 दर्ज किया गया था, जबकि नरेला इंडस्ट्रियल इलाके में यह 402 था। दिल्ली के कई अन्य क्षेत्रों में भी AQI 400 से ऊपर रहा, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-3 की पाबंदियां लागू की गई हैं। इन पाबंदियों के तहत निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल जनरेटर के उपयोग में सीमितता, और वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण जैसे उपाय शामिल हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे घर के अंदर रहें, विशेषकर सुबह और शाम के समय, जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। सांस की समस्याओं से ग्रस्त लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
वर्तमान में, दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है, और प्रशासन द्वारा इसे नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं
हाल ही में, दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के 36 निगरानी स्टेशनों में से 30 ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया है। दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 418 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक है।
AQI के अनुसार, 0-50 को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’, और 401-500 को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। दिल्ली के कई क्षेत्रों में AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-3 की पाबंदियां लागू की गई हैं। इन पाबंदियों के तहत निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल जनरेटर के उपयोग में सीमितता, और वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण जैसे उपाय शामिल हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे घर के अंदर रहें, विशेषकर सुबह और शाम के समय, जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। सांस की समस्याओं से ग्रस्त लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
वर्तमान में, दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है, और प्रशासन द्वारा इसे नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-3 की पाबंदियां लागू की गई हैं। इन पाबंदियों के तहत निम्नलिखित गतिविधियों पर रोक लगाई गई है:
- निर्माण और विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध: सभी प्रकार के निर्माण, तोड़फोड़, और गैर-जरूरी खनन गतिविधियों पर रोक लगाई गई है।
- डीजल जनरेटर के उपयोग में सीमितता: आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, डीजल जनरेटर सेट के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- औद्योगिक इकाइयों पर प्रतिबंध: गैर-स्वच्छ ईंधन पर चलने वाली गैर-जरूरी औद्योगिक इकाइयों के संचालन पर रोक लगाई गई है।
- सड़क धूल नियंत्रण: सड़कों की यांत्रिक सफाई, पानी का छिड़काव, और एंटी-स्मॉग गन के उपयोग को बढ़ावा दिया गया है।
इन पाबंदियों का उद्देश्य वायु गुणवत्ता में सुधार लाना और नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है। प्रशासन द्वारा स्थिति की निगरानी की जा रही है, और वायु गुणवत्ता में सुधार होने पर पाबंदियों में ढील दी जा सकती है