तेजस्वी यादव का राजनीति में आने से पहले एक क्रिकेटर के रूप में करियर रहा है। उन्होंने झारखंड की रणजी टीम में खेला और आईपीएल (IPL) में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) टीम का हिस्सा भी रहे। हालाँकि, क्रिकेट में ज़्यादा सफलता न मिलने के बाद, उन्होंने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
क्रिकेट करियर
1. शुरुआती क्रिकेट जीवन
- तेजस्वी यादव को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था।
- उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS), आर.के. पुरम से पढ़ाई की, लेकिन क्रिकेट पर ध्यान देने के लिए उन्होंने आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी।
2. रणजी और IPL करियर
- झारखंड रणजी टीम का हिस्सा रहे और कई घरेलू मैच खेले।
- 2008 में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) टीम में शामिल हुए।
- आईपीएल में तीन सीजन (2008-2012) तक दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए रहे, लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
- भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ियों के बीच रहते हुए भी तेजस्वी को ज्यादा मौके नहीं मिले, जिससे उनका क्रिकेट करियर धीमा हो गया।
क्रिकेट से राजनीति की ओर
1. परिवारिक विरासत के कारण राजनीति में प्रवेश
- क्रिकेट में सफलता न मिलने के बाद, तेजस्वी ने 2013-14 के आसपास राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू किया।
- उनके पिता लालू प्रसाद यादव (राजद प्रमुख) और माँ राबड़ी देवी (पूर्व मुख्यमंत्री) पहले से ही राजनीति में थे, जिससे उनका राजनीति में आना स्वाभाविक था।
2. 2015 में पहली चुनावी जीत
- 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में राघोपुर सीट से पहली बार विधायक बने।
- उसी साल, महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री बने, जिससे उनका राजनीतिक कद तेजी से बढ़ा।
क्रिकेटर से नेता बनने की अनोखी कहानी
- तेजस्वी यादव भले ही क्रिकेट में बड़ा नाम नहीं बना पाए, लेकिन राजनीति में उन्होंने अपनी पहचान बना ली।
- वे अब बिहार के सबसे प्रभावशाली युवा नेताओं में शामिल हैं और भविष्य में मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं।
- क्रिकेट में मिली अनुशासन और टीम भावना की सीख, अब वे राजनीति में भी लागू कर रहे हैं
आठवीं कक्षा में छोड़ी पढ़ाई – तेजस्वी यादव की शिक्षा
तेजस्वी यादव ने दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS), आर.के. पुरम में पढ़ाई की, लेकिन आठवीं कक्षा के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी।
पढ़ाई छोड़ने का कारण
- तेजस्वी यादव का झुकाव बचपन से ही क्रिकेट की ओर ज्यादा था।
- वे क्रिकेट में करियर बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अपनी शिक्षा अधूरी छोड़कर खेल पर फोकस करने का फैसला किया।
- पढ़ाई छोड़ने के बाद, वे झारखंड की रणजी टीम और फिर दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) की आईपीएल टीम का हिस्सा बने।
पढ़ाई अधूरी रहने के बावजूद राजनीतिक सफलता
- पढ़ाई पूरी न करने के बावजूद, तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति में एक प्रभावशाली नेता बनकर उभरे।
- उन्होंने नेतृत्व क्षमता और चुनावी रणनीति में खुद को साबित किया।
- आज वे बिहार के उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदारों में से एक हैं।
शादी के प्रस्तावों की बाढ़ – तेजस्वी यादव की लोकप्रियता
बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव न केवल एक युवा और प्रभावशाली नेता के रूप में जाने जाते हैं, बल्कि उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें शादी के लिए हजारों प्रस्ताव भी मिले।
1. 2020 के चुनाव के दौरान शादी के प्रस्तावों की बाढ़
- बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान, जब तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी और विकास को मुख्य मुद्दा बनाया, तब वे युवाओं के बीच और भी लोकप्रिय हो गए।
- उनकी चुनावी रैलियों में भारी भीड़ उमड़ने लगी, खासकर महिलाएँ और युवा लड़कियाँ उन्हें लेकर काफी उत्साहित दिखीं।
- कई लड़कियों ने शादी के प्रस्ताव भेजे, और सोशल मीडिया पर भी “तेजस्वी से शादी करने की इच्छा” जताने वाले कई पोस्ट वायरल हुए।
2. लालू परिवार को मिले हजारों रिश्ते
- तेजस्वी यादव के माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को भी उनके लिए हजारों शादी के प्रस्ताव मिले।
- बताया जाता है कि 2020 के चुनावों के बाद, राबड़ी देवी के पास 44,000 से ज्यादा रिश्ते आए।
3. मजेदार वाकया – विधानसभा में शादी का प्रस्ताव
- एक बार विधानसभा सत्र के दौरान, जब विपक्षी नेताओं ने तेजस्वी यादव की शादी को लेकर चुटकी ली, तो उन्होंने मजाक में कहा –
“मेरी शादी से आपको क्या दिक्कत है? जब करनी होगी, तो कर लूँगा!” 😄
तेजस्वी यादव की शादी
- 9 दिसंबर 2021 को तेजस्वी यादव ने अपनी बचपन की दोस्त और प्रेमिका “रिचेल उर्फ राजश्री” से शादी कर ली।
- शादी बेहद सादगी भरे अंदाज में दिल्ली में हुई, जिसमें करीबी रिश्तेदार और खास लोग ही शामिल हुए।
- उनकी पत्नी राजश्री क्रिश्चियन परिवार से ताल्लुक रखती हैं, लेकिन शादी हिंदू रीति-रिवाजों से संपन्न हुई