किडनी (गुर्दा) शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे खून को फिल्टर करके शरीर से विषैले पदार्थ और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालता है। अगर किडनी समय पर ठीक से काम न करे, तो शरीर में ज़हर फैल सकता है। इसीलिए इसकी देखभाल ज़रूरी है।
1.किडनी खराब होने के संकेत (समय पर पहचान के लक्षण):
2.थकान और कमजोरी – लगातार थका हुआ महसूस करना
3.पेशाब में बदलाव – बार-बार पेशाब आना या पेशाब में झाग, खून, या जलन
4.पैरों व चेहरे में सूजन – विशेषकर सुबह के समय
5.भूख न लगना और मिचली आना
6.सांस लेने में तकलीफ
7.त्वचा पर खुजली या रूखापन
यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।
7 किडनी को स्वस्थ रखने के उपाय:
8. पर्याप्त पानी पिएं:
दिन में 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए (यदि डॉक्टर द्वारा सीमित न किया गया हो)।
9. नमक का सेवन कम करें:
ज्यादा नमक से हाई ब्लड प्रेशर होता है जो किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
10. प्रोसेस्ड और तली चीज़ों से बचें:
फास्ट फूड, डिब्बाबंद खाना, कोल्ड ड्रिंक्स – ये किडनी पर दबाव डालते हैं।
11. ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल में रखें:
डायबिटीज और हाई बीपी, किडनी की सबसे बड़ी दुश्मन हैं।
12. नियमित व्यायाम करें:
रोज़ 30 मिनट पैदल चलना, योग या हल्का व्यायाम बहुत फायदेमंद है।
14. धूम्रपान और शराब से दूरी रखें:
ये किडनी की कार्यक्षमता को धीमा कर सकते हैं।
14. बिना डॉक्टर की सलाह के पेनकिलर या अन्य दवाएं न लें:
कुछ दवाएं किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
15. प्राकृतिक चीज़ें खाएं:
जैसे फल (सेब, पपीता, जामुन), हरी सब्ज़ियां, हल्दी, आंवला, और नींबू
16. किडनी के लिए योगासन (योग):
भुजंगासन
वज्रासन
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
प्राणायाम (अनुलोम विलोम, कपालभाति)
17.थकान और कमजोरी (Fatigue and Weakness) – कारण, लक्षण और घरेलू उपाय – हिंदी में जानकारी
थकान और कमजोरी सामान्य लक्षण हैं, लेकिन अगर ये बार-बार हो रहे हैं या लंबे समय तक बने रहते हैं, तो यह शरीर में किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
18.थकान और कमजोरी के आम कारण:
⚠️ शारीरिक कारण:
19.आयरन की कमी (एनीमिया)
खून में हीमोग्लोबिन कम होने से ऑक्सीजन की सप्लाई घट जाती है।
20.किडनी की समस्या
विषैले पदार्थ शरीर से नहीं निकलते, जिससे थकान होती है।
21.थायरॉइड की खराबी (Hypothyroidism)
मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है।
22.ब्लड शुगर असंतुलन (डायबिटीज़)
शरीर की ऊर्जा का स्तर गिर जाता है।
23.डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)
शरीर में पानी की कमी से ऊर्जा घटती है।
24.नींद की कमी
पर्याप्त नींद न मिलने से शरीर थका-थका रहता है।
25. मानसिक कारण:
26.तनाव / चिंता (Stress/Anxiety)
27.डिप्रेशन (अवसाद)
28.अत्यधिक सोच-विचार
29. थकान और कमजोरी दूर करने के घरेलू उपाय:
30.. आयरन युक्त आहार लें:
पालक, चुकंदर, सेब, अनार, गुड़, किशमिश
आयरन की कमी थकान का बड़ा कारण है।
31. पर्याप्त पानी पिएं:
दिन भर में 8–10 गिलास पानी पीना ज़रूरी है।
32. शहद और गर्म पानी:
सुबह खाली पेट 1 चम्मच शहद गर्म पानी में लें।
33. हर्बल चाय या नींबू पानी:
दिन में 1–2 बार नींबू पानी से ताजगी मिलती है।
34. अश्वगंधा और शतावरी (आयुर्वेदिक टॉनिक):
शरीर की ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाते हैं।
🛌 35. भरपूर नींद लें:
कम से कम 7–8 घंटे की नींद लें।
🧘♀️ 36. योग और प्राणायाम:
अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और सूर्य नमस्कार
37. अगर थकान इनसे भी ना जाए, तो क्या करें?
अगर इन उपायों के बाद भी थकान या कमजोरी बनी रहे, तो यह किसी अंदरूनी बीमारी (जैसे किडनी, थायरॉइड, या हार्ट की समस्या) का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में निम्न टेस्ट करवाना ज़रूरी हो सकता है:
CBC (Complete Blood Count)
KFT (Kidney Function Test)
TFT (Thyroid Function Test)
Blood Sugar Test
Vitamin B12 और Vitamin D टेस्ट
38.पेशाब में बदलाव (Changes in Urination) – कारण, लक्षण और समाधान (हिंदी में)
पेशाब (Urine) शरीर से विषैले पदार्थ और अतिरिक्त पानी बाहर निकालने का जरिया है। अगर पेशाब की मात्रा, रंग, गंध या समय में कोई बदलाव आता है, तो यह शरीर में किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है – विशेषकर किडनी, ब्लैडर या प्रोस्टेट से जुड़ी समस्या का।
39. पेशाब में बदलाव के आम लक्षण:
बार-बार पेशाब आना (Frequent Urination)
पेशाब करने में जलन या दर्द (Burning Sensation or Pain)
पेशाब का रंग गहरा होना या खून आना (Dark Urine / Blood in Urine)
पेशाब रुक-रुक कर आना या बहुत कम आना
रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना (Nocturia)
40.झागदार पेशाब (Foamy Urine) – यह प्रोटीन की मौजूदगी का संकेत हो सकता है (किडनी प्रॉब्लम)
⚠️ संभावित कारण (Causes of Urine Changes):
🦠 संक्रमण या सूजन:
UTI (मूत्र संक्रमण) – महिलाओं में आम
किडनी इंफेक्शन (Pyelonephritis)
🧬 गंभीर कारण:
किडनी की बीमारी (CKD या Acute Kidney Injury)
डायबिटीज़ – ज्यादा पेशाब, खासकर रात में
प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि (पुरुषों में)
अन्य कारण:
कम पानी पीना – पेशाब गाढ़ा या जलन हो सकती है
ज्यादा कैफीन या शराब
कुछ दवाएं (Antibiotics, Painkillers)
घरेलू उपाय और रोकथाम:
41. पर्याप्त पानी पिएं:
दिन में 8–10 गिलास पानी से यूरिन साफ़ होता है।
42. नारियल पानी और नींबू पानी:
यह मूत्र मार्ग को साफ करने में मदद करते हैं।
43. क्रैनबेरी जूस (अगर उपलब्ध हो):
UTI में फायदेमंद माना जाता है।
44. पेशाब रोककर न रखें:
समय पर पेशाब जाना जरूरी है।
45. धूप में कम समय बिताएं और शरीर को ठंडा रखें:
ज़्यादा गर्मी पेशाब में जलन बढ़ा सकती है।
46. तुलसी और जीरा पानी:
किडनी और मूत्रमार्ग के संक्रमण में लाभकारी
47जांच कब करवानी चाहिए?
यदि निम्न में से कोई लक्षण हैं, तो डॉक्टर से मिलें और जांच करवाएं:
पेशाब में लगातार जलन या खून
झागदार पेशाब जो कुछ दिनों से ज़्यादा रहे
बहुत कम पेशाब आना
बुखार, पीठ दर्द, थकावट के साथ पेशाब में बदलाव
48.जरूरी जांचें:
Urine Routine Test
Urine Culture
KFT (Kidney Function Test)
Blood Sugar Test
Ultrasound (KUB region)
49.पैरों व चेहरे में सूजन (Swelling in Legs and Face) – कारण, लक्षण और घरेलू उपाय (हिंदी में)
शरीर में सूजन (जिसे हिंदी में “सूजन” या “सूजन आना” कहा जाता है) खासकर पैरों, टखनों, चेहरे या आंखों के आसपास दिखे तो यह शरीर में किसी गहरी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। अगर ये सूजन सुबह-सुबह चेहरे पर और शाम को पैरों में हो, तो यह किडनी या हार्ट से जुड़ी समस्या हो सकती है।
50.सूजन के आम लक्षण:
पैरों में भारीपन और दबाने पर गड्ढा बन जाना (pitting edema)
आंखों के नीचे फुलाव
सुबह चेहरा फूला हुआ महसूस होना
जूते या चप्पल टाइट लगना
चलने-फिरने में थकान या दर्द
51.मुख्य कारण (Common Causes):
🧬 1. किडनी की समस्या (Kidney Disease):
किडनी अगर प्रोटीन को यूरिन के ज़रिए बाहर निकालने लगती है, तो शरीर में पानी रुकने लगता है जिससे सूजन आती है।
❤️ 2. दिल की कमजोरी (Heart Failure):
खून सही से पंप न होने पर शरीर में फ्लूइड जमा होने लगता है।
🩸 3. लीवर की बीमारी (Liver Cirrhosis):
प्रोटीन की कमी के कारण पानी शरीर के ऊतकों में जमा हो जाता है।
🍛 4. ज्यादा नमक या प्रोसेस्ड फूड का सेवन:
शरीर में पानी रिटेंशन बढ़ता है।
🩹 5. चोट, एलर्जी, थायरॉइड या हार्मोनल बदलाव
✅ घरेलू उपाय (Home Remedies for Swelling):
💧 1. नमक कम करें:
कम नमक खाने से शरीर में पानी रुकने की संभावना घटती है।
🥒 2. खीरा, तरबूज और नींबू पानी:
ये प्राकृतिक डाइयूरेटिक (पेशाब बढ़ाने वाले) होते हैं।
🦶 3. पैर ऊँचे रखें:
लेटते समय पैरों के नीचे तकिया रखें ताकि सूजन कम हो।
☕ 4. अदरक और लहसुन का सेवन:
सूजन को कम करने वाले प्राकृतिक तत्व
🌿 5. धनिया पानी या अजवाइन पानी:
दिन में 1-2 बार उबालकर पीने से फायदेमंद
🧘♀️ 6. हल्का व्यायाम और योग:
रक्त संचार बेहतर होता है, सूजन कम होती है।
51.जांचें और डॉक्टर से कब मिलें?
अगर सूजन:
रोज़ बढ़ती जा रही है
पेशाब कम हो रहा है
साथ में थकान, सांस फूलना, या ब्लड प्रेशर भी बढ़ रहा है
52.तो यह जरूरी जांचें करानी चाहिए:
KFT (Kidney Function Test)
LFT (Liver Function Test)
CBC (Complete Blood Count)
Thyroid Test (TSH)
Urine Test (Protein in Urine?)
53.ECG या इको (अगर हार्ट से संबंधित लक्षण हों)
भूख न लगना (Appetite loss) कई कारणों से हो सकता है — शारीरिक, मानसिक या जीवनशैली से जुड़े हुए। नीचे कुछ सामान्य कारण और घरेलू उपाय दिए गए हैं:
54. भूख न लगने के संभावित कारण
पाचन तंत्र की गड़बड़ी – कब्ज, गैस, एसिडिटी
तनाव या डिप्रेशन – मानसिक स्वास्थ्य का असर भूख पर पड़ता है
नींद की कमी – शरीर थका हुआ महसूस करता है, जिससे भूख नहीं लगती
अत्यधिक दवाओं का सेवन – कुछ दवाएं साइड इफेक्ट के रूप में भूख कम करती हैं
संक्रमण या बुखार – शरीर की ऊर्जा संक्रमण से लड़ने में लगती है
लिवर या पाचन संबंधी बीमारी – जैसे जॉन्डिस, अल्सर, या IBS
55. घरेलू उपाय – भूख बढ़ाने के लिए
आंवला और शहद रोज़ सुबह 1 चम्मच आंवला रस में थोड़ा शहद मिलाकर लें।
हींग और अजवाइन का पानी गुनगुने पानी में थोड़ा सा हींग और अजवाइन मिलाकर पीएं — गैस और अपच में राहत देता है।
नींबू और अदरक 1 चम्मच नींबू रस में थोड़ी अदरक का रस मिलाकर भोजन से पहले लें।
छाछ और जीरा पाउडर दोपहर के खाने के बाद छाछ में भुना हुआ जीरा और काला नमक डालकर पिएं।
दिनचर्या सुधारें नियमित समय पर भोजन करें, सुबह-सुबह टहलें, और पर्याप्त नींद लें।
56. डॉक्टर से कब मिलें
अगर भूख 7–10 दिनों से बिल्कुल नहीं लग रही
अचानक वजन घटने लगे
उल्टी, कमजोरी या बुखार साथ में हो
किसी पुरानी बीमारी के साथ ये लक्षण हों (जैसे डायबिटीज, लिवर रोग)
57.सांस लेने में तकलीफ (Dyspnea) एक गंभीर लक्षण हो सकता है और इसके पीछे कई संभावित कारण होते हैं। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए, खासकर अगर यह बार-बार या अचानक हो रहा हो।
58. संभावित कारण – सांस लेने में तकलीफ
फेफड़ों से संबंधित कारण:
दमा (Asthma) – सीटी जैसी आवाज के साथ सांस फूलना
ब्रोंकाइटिस या निमोनिया – बलगम, बुखार के साथ
COPD – पुराने स्मोकर्स में अधिक आम
दिल से संबंधित कारण:
हार्ट फेलियर – चढ़ाई या हल्की मेहनत में ही सांस फूलना
हृदय की धड़कन अनियमित होना
गला या श्वास नली में रुकावट:
एलर्जी या कोई चीज फंस जाना
59.मानसिक कारण:
घबराहट (Anxiety) या पैनिक अटैक – सांस तेज़ चलती है, पर ऑक्सीजन की कमी नहीं होती
कोविड-19 या वायरल संक्रमण:
खांसी, बुखार और थकावट के साथ सांस की दिक्कत
हीमोग्लोबिन की कमी (एनीमिया):
थोड़ी सी मेहनत में भी सांस फूलना
60. घरेलू उपाय (हल्की परेशानी के लिए ही)
⚠️ अगर लक्षण गंभीर हों, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
भाप लेना (Steam Inhalation) गुनगुने पानी में अजवाइन या यूकेलिप्टस ऑयल डालकर भाप लें
गायत्री प्राणायाम या अनुलोम विलोम फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद करता है (लेकिन डॉक्टर से सलाह के बाद ही)
सुपारी या तुलसी का काढ़ा बलगम निकालने और गले की सूजन में राहत
ऊंचे तकिये पर सोना सांस लेने में आसानी होती है, खासकर दिल के मरीजों को
61.तुरंत डॉक्टर से मिलें अगर:
सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही हो
सीने में दर्द या जकड़न महसूस हो
चेहरे या होंठ नीले पड़ रहे हों
हल्का चलने पर भी सांस फूलने लगे
ऑक्सीजन सैचुरेशन 92% से नीचे हो (अगर ऑक्सीमीटर है)
त्वचा पर खुजली (itching) या रूखापन (dryness) होना एक आम समस्या है, लेकिन अगर ये लंबे समय तक बना रहे या बहुत अधिक परेशान करे, तो कारण जानना जरूरी है।
62.संभावित कारण – त्वचा में खुजली और रूखापन
सर्द मौसम या कम नमी वाली जगह में रहना
बहुत ज़्यादा गर्म पानी से नहाना
साबुन या डिटर्जेंट में मौजूद केमिकल
स्किन कंडीशन जैसे:
एग्ज़िमा (Eczema)
सोरायसिस (Psoriasis)
डर्मेटाइटिस
एलर्जी या फंगल इन्फेक्शन
डायबिटीज या थायरॉइड जैसी अंदरूनी बीमारियाँ
जैसे रिंगवर्म (दाद), स्केबीज़ (खाज)
पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
63.घरेलू उपाय – खुजली और रूखापन के लिए
नारियल तेल या तिल का तेल नहाने के तुरंत बाद हल्के गुनगुने तेल से मालिश करें
एलोवेरा जेल खुजली और जलन में ठंडक पहुंचाता है
बेसन और दही का लेप हफ्ते में 1–2 बार लगाने से स्किन को नमी मिलती है
नीम की पत्तियों का पानी उबालकर ठंडा कर लें और नहाने के पानी में मिलाएं – खासकर फंगल इन्फेक्शन में फायदेमंद
बिना खुशबू वाला मॉइस्चराइज़र दिन में 2–3 बार लगाएं, खासकर नहाने के बाद
ओटमील (Multani mitti से भी बेहतर) ओटमील को पीसकर पानी में डालें और उस पानी से नहाएं
⚠️ डॉक्टर से कब मिलें
खुजली के साथ लाल चकत्ते या घाव बन रहे हों
लगातार खून आ रहा हो या जलन बढ़ रही हो
रात में नींद नहीं आ रही हो खुजली के कारण
1–2 हफ्ते के घरेलू उपाय के बाद भी कोई फर्क न हो