पूरा नाम: अमितभाई अनिलचंद्र शाह
जन्म: 22 अक्टूबर 1964
जन्मस्थान: मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
पार्टी: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
पद: भारत के गृह मंत्री (2019 से वर्तमान)
पूर्व पद: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (2014-2020)
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अमित शाह का जन्म एक व्यापारी परिवार में हुआ था। उनका बचपन गुजरात में बीता और उन्होंने अहमदाबाद से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। उन्होंने बायो-केमिस्ट्री में स्नातक किया, लेकिन उनका झुकाव राजनीति की ओर ज्यादा रहा।
राजनीतिक करियर
- आरएसएस और विद्यार्थी जीवन:
अमित शाह युवावस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में सक्रिय रहे। - बीजेपी में प्रवेश:
1980 के दशक में वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और जल्द ही गुजरात में एक प्रभावशाली नेता बन गए। - नरेंद्र मोदी के साथ साझेदारी:
2001 में नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद, अमित शाह उनके सबसे करीबी सहयोगी बन गए। उन्होंने राज्य में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। - 2014 लोकसभा चुनाव:
बीजेपी ने अमित शाह को उत्तर प्रदेश की चुनावी जिम्मेदारी दी, जहां उनकी रणनीति से पार्टी ने 80 में से 71 सीटें जीतीं। - बीजेपी अध्यक्ष:
2014 में, उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। उनके नेतृत्व में पार्टी ने कई राज्यों में चुनाव जीते, जिनमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड और असम शामिल हैं। - गृह मंत्री:
2019 में, नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अमित शाह को भारत का गृह मंत्री बनाया गया। उनके कार्यकाल में अनुच्छेद 370 हटाने, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए।
व्यक्तिगत जीवन
अमित शाह की शादी सोनल शाह से हुई है और उनका एक बेटा है, जय शाह, जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में पदाधिकारी हैं।
उपलब्धियां और योगदान
गृह मंत्रालय के कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका।
बीजेपी को देश की सबसे बड़ी पार्टी बनाने में योगदान।
अमित शाह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक प्रमुख नेता और भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। वे भारतीय राजनीति में अपनी कड़ी मेहनत और रणनीतिक दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध हैं।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन: अमित शाह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में प्राप्त की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की डिग्री पूरी की। उनका राजनीति में गहरा रुचि थी, और वे बहुत ही कम उम्र में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए थे।
राजनीतिक करियर: अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वे गुजरात में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी रहे हैं और उनके साथ मिलकर गुजरात में पार्टी की मजबूती बनाई।
2001 में नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद, अमित शाह को पार्टी में अहम जिम्मेदारियां दी गईं। बाद में वे गुजरात के गृह मंत्री बने और राज्य में कानून-व्यवस्था और आतंकवाद से निपटने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राष्ट्रीय राजनीति में योगदान: अमित शाह 2014 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, और इसके बाद पार्टी ने भारतीय राजनीति में बहुत बड़ी जीत हासिल की। 2019 में भी उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भाजपा को बड़ी सफलता दिलाई। उनका राजनीतिक कौशल और संगठन की मजबूती के कारण उन्हें भारतीय राजनीति के एक सशक्त नेता के रूप में देखा जाता है।
कड़ी मेहनत और रणनीतिक दृष्टिकोण: अमित शाह के राजनीतिक दृष्टिकोण और रणनीतियों ने भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ दिया है। वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कई राज्यों में पार्टी को जीत दिलाने में सफल रहे हैं। उनकी राजनीतिक शैली में संगठन निर्माण, चुनावी रणनीति, और गठबंधन राजनीति पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
अमित शाह को अपनी नीतियों और निर्णयों के लिए अक्सर विवादों में भी घसीटा गया है, लेकिन वे हमेशा अपने विचारों और रणनीतियों में अडिग रहते हैं।
वर्तमान में: अमित शाह अब भारतीय गृह मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उनके नेतृत्व में, भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण नीतियां लागू की हैं, जैसे- नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, और आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाना।
अमित शाह की राजनीति में भूमिका और उनका प्रभाव भारतीय राजनीति पर गहरा है और वे एक ऐसे नेता के रूप में उभरे हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी को एक मजबूत और शक्तिशाली राजनीतिक दल बना दिया है।
अमित शाह की शिक्षा और प्रारंभिक जीवन:
अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनका परिवार गुजराती मूल का था और वे एक सामान्य व्यापारी परिवार से संबंध रखते थे। उनकी शिक्षा की शुरुआत मुंबई में हुई, जहाँ उन्होंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्दन कॉलेज (Northern College) से अपनी बी.कॉम (Bachelor of Commerce) की डिग्री प्राप्त की।
अमित शाह का बचपन बहुत ही साधारण था, और उन्होंने अपने परिवार से व्यापार और संगठन की दुनिया के बारे में बहुत कुछ सीखा। उनका प्रारंभिक जीवन इस लिहाज से खास था कि वे छोटी उम्र से ही राजनीति और समाजसेवा में रुचि रखते थे।
राजनीति में रुचि: अमित शाह की राजनीति में रुचि उनके बचपन से ही थी। वे 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे और इसके माध्यम से उन्होंने समाज सेवा और संगठन निर्माण के बारे में बहुत कुछ सीखा। उनके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक मार्गदर्शक संस्थान के रूप में काम किया, जहाँ उन्होंने हिंदू संस्कृति, समाज के विकास और राजनीति की बारीकियों को समझा।
अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़ने के बाद राजनीतिक जीवन की दिशा तय की। उन्होंने गुजरात में भाजपा के विभिन्न संगठनों के साथ काम करना शुरू किया और जल्द ही पार्टी के अहम सदस्य बन गए।
उनकी शिक्षा और शुरुआती जीवन ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक सक्षम और प्रभावशाली नेता बनने की दिशा में तैयार किया।
अमित शाह का राजनीतिक करियर:
अमित शाह का राजनीतिक करियर भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़ने के बाद तेजी से बढ़ा। उन्होंने राजनीति में अपनी शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से की थी, जो भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण संगठन के रूप में काम करता है। हालांकि, उनके राजनीतिक करियर का मुख्य उभार भारतीय जनता पार्टी में हुआ।
1. आरंभिक राजनीतिक जीवन (1980s – 1990s):
अमित शाह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। इस दौरान उन्होंने गुजरात में संघ के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया और संगठनात्मक कार्यों में योगदान दिया।
- 1983 में भाजपा से जुड़ना: अमित शाह ने 1983 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़कर राजनीति में कदम रखा। उन्होंने पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया और जल्द ही अपनी कार्यकुशलता से पार्टी में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया।
- गुजरात में भाजपा के मजबूत नेता बनना: अमित शाह ने गुजरात के विभिन्न जिलों में भाजपा की कार्यशैली को मजबूती से स्थापित किया। वे गुजरात में पार्टी के युवा नेताओं में शामिल हो गए, जिनकी रणनीतिक सोच और संगठन निर्माण क्षमता ने उन्हें पहचान दिलाई।
2. गुजरात विधानसभा चुनाव और केंद्रीय राजनीति में प्रवेश (2001 – 2014):
- 2001 – गुजरात में नरेंद्र मोदी के साथ जुड़ना: 2001 में नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला, और अमित शाह को उनके करीबी सहयोगी के रूप में देखा जाने लगा। वे गुजरात में मोदी के “दाएं हाथ” के रूप में जाने जाते थे।
- 2002 में विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका: 2002 के गुजरात विधानसभा चुनावों में अमित शाह ने पार्टी के चुनावी प्रचार और रणनीतियों में अहम भूमिका निभाई। इस चुनाव के बाद वे गुजरात विधानसभा के सदस्य बने और गृह मंत्री के रूप में कार्यरत हुए।
- गृह मंत्री के रूप में कार्यकाल: 2002 से 2010 तक, अमित शाह ने गुजरात के गृह मंत्री के रूप में कानून व्यवस्था और आतंकवाद के खिलाफ कई कठोर कदम उठाए। उनकी नीतियों को राज्य में सुरक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सराहा गया।
3. राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश (2014 – वर्तमान):
- 2014 में भाजपा अध्यक्ष बनना: 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, अमित शाह को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में भाजपा ने 2014 लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की। यह जीत उनके संगठनात्मक कौशल और रणनीति की सफलता को दर्शाती है।
- 2019 में पुनः सफलता: 2019 में, अमित शाह ने पार्टी को फिर से लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक सफलता दिलाई। भाजपा ने 2019 के चुनाव में एक बार फिर से सत्ता में वापसी की, और अमित शाह की रणनीति और पार्टी के प्रचार कार्य ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
4. केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यकाल:
- गृह मंत्री (2019 – वर्तमान): 2019 में, अमित शाह को नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए:
- जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटाना: यह कदम एक ऐतिहासिक और विवादास्पद निर्णय था, जिसमें कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाया गया।
- नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA): इस कानून के माध्यम से पाकिस्तान, बांगलादेश, और अफगानिस्तान से आए धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने की व्यवस्था की गई।
- राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद: अमित शाह ने भारत में आतंकवाद के खिलाफ कड़ी नीतियाँ अपनाई और सुरक्षा बलों को मजबूत किया।
5. प्रमुख विवाद और आलोचनाएँ:
अमित शाह की राजनीति हमेशा विवादों से घिरी रही है। उनके फैसलों और नीतियों की आलोचना भी हुई है, जैसे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और अनुच्छेद 370 का हटाना। साथ ही, उन्होंने गुजरात में अपने गृह मंत्री रहते हुए जो कुछ भी किया, उसकी भी आलोचना की गई थी, खासकर 2002 के गुजरात दंगों के बाद।
6. संगठनात्मक नेतृत्व और चुनावी रणनीतियाँ:
अमित शाह की राजनीतिक शैली को उनकी संगठनात्मक क्षमता और चुनावी रणनीति के लिए सराहा जाता है। वे चुनावी मैदान में एक उत्कृष्ट रणनीतिकार माने जाते हैं, और उनके द्वारा बनाई गई योजनाएँ अक्सर प्रभावी साबित होती हैं।
निष्कर्ष: अमित शाह का राजनीतिक करियर भारतीय राजनीति में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, रणनीतिक सोच और संगठन की मजबूत नींव से भारतीय जनता पार्टी को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनके नेतृत्व में भाजपा ने कई बड़े चुनावों में सफलता प्राप्त की, और वे आज भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं।
भारत के गृह मंत्री के रूप में अमित शाह
अमित शाह 30 मई 2019 को भारत के गृह मंत्री बने। इस पद पर रहते हुए उन्होंने कई ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण फैसले लिए, जो देश की आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था और प्रशासन को मजबूत करने में सहायक रहे।
प्रमुख फैसले और नीतियां
1. अनुच्छेद 370 और 35A हटाना (2019)
- 5 अगस्त 2019 को, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटाकर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।
- यह फैसला देश की एकता और सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना गया।
- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया।
2. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) (2019)
- इस कानून के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया।
- इस कानून का उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न से भागे शरणार्थियों को संरक्षण देना था।
3. राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी कदम
- एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और यूएपीए कानून को मजबूत किया ताकि आतंकवाद और देशविरोधी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।
- जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ कड़े ऑपरेशन चलाए गए।
- कई संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया।
4. नक्सलवाद और उग्रवाद पर कड़ी कार्रवाई
- गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और अन्य राज्यों में नक्सली संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन तेज किए।
- नक्सली हमलों में कमी आई और सरकार ने प्रभावित इलाकों में विकास परियोजनाएं शुरू कीं।
5. दिल्ली दंगों और कानून व्यवस्था
- फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के दौरान, अमित शाह ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए और दंगे रोकने के लिए त्वरित कदम उठाए।
6. जम्मू-कश्मीर में विकास और चुनाव
- केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में ग्राम पंचायत और जिला परिषद चुनाव सफलतापूर्वक कराए गए।
- धारा 370 हटने के बाद पर्यटन और निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं शुरू की गईं।
7. पुलिस सुधार और कानून व्यवस्था
- सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों) की सुविधाओं में सुधार किया।
- देशभर में महिला सुरक्षा, साइबर क्राइम और संगठित अपराधों से निपटने के लिए नई तकनीक और कानूनों को लागू किया।
गृह मंत्री के रूप में अमित शाह की कार्यशैली
- सख्त निर्णय लेने वाले नेता – उन्होंने कई विवादित लेकिन मजबूत फैसले लिए।
- रणनीतिक सोच – चुनावी रणनीति की तरह गृह मंत्रालय में भी उन्होंने संगठित और योजनाबद्ध तरीके से नीतियां लागू कीं।
- सुरक्षा को प्राथमिकता – आतंकवाद, नक्सलवाद और उग्रवाद को नियंत्रित करने के लिए कड़े फैसले लिए।
- आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग – सुरक्षा बलों और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ड्रोन, AI, डेटा एनालिटिक्स जैसी नई तकनीकों को अपनाया।